यूपी वालों को भा रही गुड़ की कैंडी
यूपी की राजधानी लखनऊ के 46 लाख गन्ना किसानों के जीवन में मिठास घोलना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्वाभाविक है कि ऐसे किसी भी प्रयास का सर्वाधिक लाभ अपने गुड़ की विविधता के लिए मशहूर मुजफ्फरनगर को मिलेगा।
मुजफ्फरनगर एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है। यहां के किसान और कारोबारी गुड़ को प्रसंस्कृत कर 118 तरह के उत्पाद बनाते हैं। अब तो वहां के कारोबारी विनोद गुप्ता ने गुड़ से कैंडी बनाने की भी पहल की है। इसके लिए उन्होंने 4.5 करोड़ रुपये की लागत से पूरी तरह आटोमैटिक मशीन लगाई है।
अन्य राज्यों में भी बढ़ रही डिमांड-
बकौल विनोद गुप्ता, उनकी फैक्ट्री की प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता 12 टन गुड़ का प्रसंस्करण है। कोरोना के कारण फिलहाल वह रोज 1.5 टन गुड़ का प्रसंस्करण कर रहे हैं। उनकी कैंडी की मांग उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड के जिलों में है।
एडवांस ऑर्डर के आधार पर वह आपूर्ति करते हैं। उनकी फैक्ट्री में अदरक, इलायची, अजवाइन, सौंफ , सोठ समेत करीब दो दर्जन स्वादों की कैंडी बनती है। कैंडी को जमाने के लिए वह इसमें करीब 50 फीसद गुड़ का भी प्रयोग करते हैं।
उनका इरादा भविष्य में शुद्ध और जैविक गुड़ के प्रसंस्करण के जरिए गुड़ की चॉकलेट, टॉफी और अन्य उत्पाद बनाने की भी है।
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