क्या पूरे विश्व में रूप बदलने वाला कोरोना वायरस भारत आकर थम रहा है?

चीन में 30 प्रकार के कोरोना वायरस मिलने से वैज्ञानिक जगत में भूचाल

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बीजिंग : वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस खुद को तेजी से बदल (Mutate) रहा है। चीन में तीस प्रकार के कोरोना वायरस मिले हैं। इससे साबित होता है कि कहीं यह तेजी से बदल (Mutate) रहा है तो कहीं अपने पुराने स्वरुप में ही पड़ा रहता है। जहां चीन में किसी कोरोना ने कहर बरपा तो अमेरिका, यूरोप में इसका बदला रूप (Mutate) सामने आया।
इस लेख में जानेंगे कि भारत में कोरोना वायरस की स्थिति क्या है।

चीन में 30 प्रकार के कोरोना वायरस मिले

खुद को तेजी से बदलने लगा है कोरोना, चीन में मिले इस वायरस के 30 प्रकार सार्स कोव -2 के 30 प्रकार के स्ट्रेन मिलने से साफ है यह वायरस तेजी से म्यूटेट (Mutate) हो रहा है।
कोरोना वायरस बारे में पहले कहा जा रहा था कि यह धीरे-धीरे बदल (Mutate) रहा है. लेकिन अब शोधकर्ताओं ने उसके 19 नए स्ट्रेन खोज निकाले हैं।

कोरोना वायरस साल के शुरुआत से दुनियाभर में फैलना शुरू हुआ था। अब तक 25 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है। इस फैल रहा कोरोना का यह रूप सार्स कोव-2 (SARS CoV-2) शुरू से ही यह पहेली बना हुआ है। अब चीन के ताजा शोध से पता चला है कि इसके 30 अलग प्रकार (Mutate) हो चुके हैं।

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कोरोना ने हर वैज्ञानिक को भरमाया

सार्स कोव-2 के बारे में शुरू से ही काफी भ्रम की स्थिति थी। एक तो इसके प्रभाव के बारे में कभी एक रूपता नहीं रही। न तो यह सभी लोगों के लिए खतरनाक रहा और कई जगहों पर बहुत ही ज्यादा खतरनाक। इसके अलावा इसके म्यूटेशन को लेकर भी स्थिति अस्पष्ट है। कभी यह खुद को म्यूटेट (Mutate) करने लगता है तो कभी बहुत दिनों तक इसका म्यूटेशन बंद रहता है।

शोध में वैज्ञानिकों को किया हैरान

चीन के होनजोऊ स्थित झेजियांग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लांजुआन और उनकी टीम का मानना है कि दुनिया ने सार्स कोव -2 के खुद को म्यूटेट Mutate करने की क्षमता को काफी कम आंका है। प्रोफेसर ली का दावा है कि उनकी टीम ने इस कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक स्ट्रेन खोज निकाला है।

यही वजह है कि कोरोना वायरस दुनिया के अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरह का प्रभाव दिखा रहा है।

देशों को अलग अलग ढंग से प्रभावित कर रहा

शोध में पाया गया है कि अलग अलग स्ट्रेन दुनिया के विभिन्न भागों में प्रभावी रहे हैं। इसी लिए इसका इलाज ढूंढने में इतनी परेशानी हो रही है। शोधकर्ताओं ने होनजोउ के 11 कोरोना ग्रस्त मरीजों के स्ट्रेन का विश्लेषण किया।

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19 स्ट्रेन के बारे में नहीं थी जानकारी

शोधकर्ताओं ने इस वायरस के 30 अलग म्यूटेशन पाए जिसमें से अब तक 19 के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। प्रोफेसर ली ने अपने शोधपत्र में कहा है कि सार्स कोव-2 ने खुद में ऐसे म्यूटेशन किए है जिससे वह अपनी घातकता बदल पा रहा है।

270 गुना वायरल लोड वाला कोरोना खोजा गया

इतना ही नहीं प्रोफेसर ली की टीम ने इस वायरस के सबसे खरनाक स्ट्रेन की भी पहचान की है। यह स्ट्रेन सबसे कमजोर स्ट्रेन के मुकाबले 270 गुना वायरल लोड बनाने में सक्षम है। यह सबसे तेजी से मानवीय कोशिकाओं का मारता है। शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस वायरस की विविधता अब तक पता नहीं चली है। इलाज या वैक्सीन के लिए इसे समझना बहुत जरूरी है।

यही वजह है कि इस खोज से दुनिया में इसका इलाज ढूढ़ने में दिक्कत हो रही है।

तीन स्ट्रेन अकेले ब्रिटेन में मिले

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सार्स कोव-2 के तीन स्ट्रेन पता लगाए थे। इनमें इसका सबसे पहला स्ट्रेन टाइप ए पहले पेंगोलिन से चमगादड़ में और फिर इंसानों में आया था। लेकिन यह स्ट्रेन अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा फैला।

टाइप बी और सी फैले इन देशों में

उस शोध में शामिल पीटर फेर्सटर और उनकी टीम ने पाया कि टाइब बी स्ट्रेन ब्रिटेन, चीन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, और नीदरलैंड में फैला। जबकि टाइप सी जो टाइप बी से बना चीन के बाहर अपने रूप में आया और पहले सिंगापुर और फिर यूरोप में फैला।

तो यह हाल है भारत का

भारत में फैले सार्स कोव-2 के बारे में कहा जा रहा है कि यह अभी म्यूटेट नहीं हो रहा है। आईसीएमआर पहले ही इस बात की पुष्टि कर चुकी है। भारत में फैला सार्स कोव 2 सिंगल म्यूटेशन वाला माना जा रहा है। अगर यह म्यूटेट नहीं होता है तो इसके खत्म होने की जल्दी संभावना है। भारत में अब तक संक्रमित हुए लोगों का आंकड़ा 20 हजार के करीब पहुंच चुका है जिनमें से 3800 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 640 लोगों की मौत हो चुकी है।

वैज्ञानिक बता रहे हैं कि भारत में संक्रमण फैलाने वाला कोरोना वायरस म्यूटेट नहीं हो रहा है।

दुनिया में अमेरिका है सबसे ज्यादा पीड़ित

दुनिया भर में इस बीमारी की वजह से अब तक एक लाख 70 हजार लोग मर चुके हैं। तो वहीं अकेले अमेरिका में मरने वालों की संख्या 45 हजार हो चुकी है जबकि अब तक वहां 8 लाख से ज्यादा संक्रमण हैं। अमेरिका में 40 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो चुकी है।

कोरोना के इलाज और वैक्सीन में वैसे ही काफी समय लग रहा है। ऐसे में 30 म्यूटेशन वाली स्ट्रेन्स की खोज पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बन सकती है।

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