रक्षामंत्री रहते मुलायम सिंह के 3 फैसलों से चौंकी थी दुनिया, शहीदों के लिए बनाया कानून

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समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया है. 82 वर्ष की उम्र में मुलायम सिंह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सुबह 08:16 बजे अंतिम सांस ली. वो देश के रक्षामंत्री भी रहे हैं. मुलायम के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान की डील की थी. रक्षामंत्री रहते हुए उन्होंने शहीद सैनिकों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था. जानें मुलायम सिंह के रक्षामंत्री रहते दुनिया को चौंकाने वाले 3 फैसले…

1- शहीदों के पार्थिव शरीर को घर पहुंचाने का आदेश…

आज अगर किसी शहीद सैनिक का शव सम्मान के साथ उनके घर पहुंच रहा है तो इसका श्रेय मुलायम सिंह यादव को ही जाता है. मुलायम सिंह के रक्षामंत्री बनने से पहले सेना के लिए अलग नियम था. जब भी सेना का कोई जवान शहीद होता था तो उसका पार्थिव शरीर उसके घर नहीं पहुंचाया जाता था. शरीर का अंतिम संस्कार सेना के जवान खुद करते थे और आखिर में जवान के घर उसकी एक टोपी भेज दी जाती थी. लेकिन, मुलायम सिंह ने रक्षामंत्री बनने के बाद सबसे पहले इसी को लेकर फैसला लिया. उन्होंने कानून बनाया कि जब भी कोई जवान शहीद होगा तो उसका पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उसके घर ले जाया जाएगा. डीएम और एसएसपी शहीद जवान के पार्थिव शरीर के साथ उसके घर जाएंगे.

Mulayam Singh Yadav
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2- चीन को पीछे ढकेला…

मुलायम सिंह ने हमेशा भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन चीन को बताया. खुले मंच से वह चीन की खिलाफत करते रहे. उन्होंने कहा कि अगर भारत को आगे बढ़ना है तो उसे चीन के मुकाबले मजबूत होना पड़ेगा. पाकिस्तान असल में भारत का दुश्मन नहीं है. इसी नीति के तहत रक्षामंत्री रहते हुए उन्होंने काम भी किया. बताया जाता है कि मुलायम के रक्षामंत्री रहते हुए बॉर्डर पर भारतीय सेना ने चीन को 4 किलोमीटर पीछे ढकेल दिया था.

Mulayam Singh Yadav
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3- पाकिस्तान पर नरमी…

मुलायम सिंह यादव को लेकर ये बात भी काफी चर्चा में रही कि जब वे रक्षामंत्री थे तब पाकिस्तान ने उन दो सालों में सीजफायर नहीं किया था. हालांकि, घुसपैठ रोकने के लिए भी मुलायम सिंह ने काफी सख्ती की थी.

Mulayam Singh Yadav
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3 बार यूपी के सीएम, 10 बार विधायक, 7 बार सांसद…

साल 1950 के दशक से मुलायम सिंह राजनीति में सक्रिय थे. इसी साल मुलायम सिंह ने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी. पूर्व पीएम स्व. चौधरी चरण सिंह उन्हें ‘लिटिल नेपोलियन’ कहकर बुलाते थे. मुलायम सिंह साल 1989-1991, साल 1993-1995 और साल 2003-2007 तक 3 बार यूपी के सीएम रहे. वो 10 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं. मुलायम सिंह 1 जून, 1996 से 19 मार्च, 1998 तक देश के रक्षामंत्री रहे. तब उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिसके कारण सेना ने उन्हें बेस्ट रक्षा मंत्री का अवॉर्ड दिया था. मुलायम सिंह देश के पहले रक्षामंत्री थे जो सियाचिन ग्लेशियर पर गए थे. हालांकि, बताया जाता है कि वो गृह मंत्रालय चाहते थे.

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इमरजेंसी के दौर में गए थे जेल…

जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम पहले शिक्षक हुआ करते थे. बाद में समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर राजनीति में आए. साल 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव जीता और सबसे कम उम्र में विधायक बनकर राजनीतिक करियर शुरू किया.

Mulayam Singh Yadav
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साल 1975 में इमरजेंसी के दौर में वो जेल भी गए. अक्टूबर, 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर समाजवादी पार्टी बनाई. मुलायम सिंह यादव का ये बड़ा कदम था जो उनके राजनीतिक जीवन के लिए मददगार साबित हुआ.

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