Mukhtar Ansari News: एक जमाना था जब पुलिस विभाग में इंटर स्टेट-191 का नाम सुनते ही खासकर पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों की सांसे थम जाती थी. पुलिस कर्मी मनाते थे कि उनका सामना इंटर स्टेट-191 के मुखिया या इससे जुड़े लोगों से न हो. दूसरी ओर अब मुख्तार की मौत के बाद आईएस-191 का नामोनिशान मिटने की कगार पर पहुंच गया है. इससे जुड़े लोगों को पुलिस लगातार मुठभेड़ में मार गिरा रही है.
आखिर क्या है इंटर स्टेट-191
बता दें कि मुख्तार अंसारी के पंजीकृत गैंग को इंटर स्टेट-191 के नाम से जाना जाता है. 14 अक्टूबर 1997 में गाजीपुर पुलिस ने इंटर स्टेट-191 नाम से मुख्तार अंसारी के गिरोह को पंजीकृत किया था. उस समय पुलिस ने इस गैंग के 22 सदस्यों को चिन्हित किया था. यह अलग बात रही कि धीरे-धीरे जहां गैंग के सदस्यों के नाम पुलिस फाइलों में बढ़ते रहे वहीं शासन स्तर से अक्सर कारवाई भी की जाती रही. पुलिस रिकार्ड की माने तो अब तक पुलिस इस गैंग के पांच सदस्यों को मुठभेड़ में ढेर कर चुकी है.
161 मुकदमें पुलिस दर्ज कर चुकी है गैंग के खिलाफ
इंटर स्टेट-191 के गैंग के सदस्यों की कारस्तानियां जब-जब सामने आई पुलिस फाइलों में मुकदमों की संख्या भी इस गैंग के खिलाफ बढ़ती रही. रिकार्ड के अनुसार इंटर स्टेट-191 गैंग के सदस्यों के खिलाफ 161 मुकदमें पुलिस ने दर्ज किए. साथ ही गैंग से जुड़े 164 सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर समेत आधा दर्जन के खिलाफ एनएसए की भी कार्रवाई की गई. इसके अलावा असलहा रखे 175 लाइसेंसधारियों के विरुद्ध भी पुलिस ने कार्रवाई की.
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करोड़ों की संपत्ति हुई जब्त
इंटर स्टेट-191 से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आनी शुरू हुई तो देखते ही देखते छह सौ करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति की जहां ध्वस्तीकरण किया गया वहीं इसे जब्त भी किया जाने लगा. इसी के साथ-साथ दो सौ करोड़ से अधिक की राशि के उन व्यवसायों को भी बंद कराए जो अवैध रूप से चल रहे थे.