Mohansarai ट्रांसपोर्ट नगर : किसान राजनीतिक दलों का बहिष्कार करेंगे

किसानों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पीएम मोदी से मिलने के लिए मांगा समय

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वाराणसी के मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित बैरवन, करनाडाड़ी, मोहनसराय और मिल्कीचक के किसानों की गुरूवार को सुबह आठ बैरवन गांव में आपातकालीन किसान पंचायत हुई. मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के संरक्षक विनय शंकर राय की अध्यक्षता में हुई पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि यदि उनकी जायज मागों पर पक्ष या विपक्ष के नेता उनकी सहायता नही करते तो राजनीतिक दलों का बहिष्कार किया जाएगा. इसके अलावा जिला मुख्यालय पर डेरा डाल देंगे. साथ ही लोस चुनाव के बहिष्कार जैसे निर्णय लिये जा सकते हैं.

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वक्ताओं ने कहाकि 1998 से अपने वैधानिक अधिकार के लिये संघर्षरत किसानों के मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के आदेश का खुलेआम उलंघन वाराणसी विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने किया. इसकी शिकायत के बावजूद आजतक कोई कार्रवाई नही हुई. मोहनसराय ट्रांसपोर्ट योजना से प्रभावित किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी समर्थन कर चुके हैं. वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर 17 फरवरी को वाराणसी आ रहे हैं. इसके अलावा 22/23 फरवरी को वाराणसी आ रहे प्रधानमंत्री व सांसद नरेंद्र मोदी को भी पत्र और ईमेल के माध्यम से मिलने हेतु समय मांगा गया है. वह चाहते हैं कि दोनों नेता उन्हें मिलने का समय दें.

तो बाल-बच्चों, पालतू जानवरों समेत मुख्यालय पर डाल देंगे डेरा

यदि दोनों नेता किसानों के आंदोलन का समर्थन नही करते तो 24 फरवरी को पीड़ित किसानों सहित स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर 15 गांव, वर्ल्ड सिटी के नाम पर 7 गांव, काशी द्वार एवं वैदिक सिटी के नाम पर सैकडों हेक्टेयर जमीन, हवाई अड्डा विस्तार आदि योजनाओं के नाम पर सरकार द्वारा औने पौने दाम पर जमीन हड़पने की करतूत पर विराम लगाने का कार्य किया जाएगा. आंदोलनरत किसान राजनीतिक पार्टियों से सामूहिक त्यागपत्र, चुनाव का बहिष्कार या नोटा पर मतदान का निर्णय ले सकते हैं. इसके अलावा जिला मुख्यालय सहित जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों का घेराव करेंगे. साथ ही ‘करो या मरो‘ नारे के साथ किसान अपने घरो के ताले बंद कर बाल-बच्चे, पालतू जानवर, चूल्हा चौकी,कृषि प्रयोग के यंत्र कुदाल, हसुआ, घूरपी लेकर जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन के लिए डेरा डालेगे और अपना वैधानिक अधिकार लेकर ही पीछे हटेंगे.

किसान हित में काम करने वाले राहुल गांधी को करना चाहिए समर्थन

वक्ताओं ने कहाकि राहुल गांधी को मोहनसराय योजना से प्रभावित किसानों के बीच आकर उनसे संवाद करने के साथ मामले का हल निकालने का प्रयास करना चाहिए. राहुल गांधी किसानों के व्यापक हितों के लिए भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 लागू कराकर किसान हित मे ऐतिहासिक कार्य कर चुके हैं. लेकिन उनको कुछ नेता बरगलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहाकि 22 और 23 फरवरी को वाराणसी आ रहे सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता के लिए उन्हें पत्र और ईमेल भेजा गया है. उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया गया है. यदि पक्ष और विपक्ष के नेता हमारी समस्याओं के निराकरण के लिए ठोस पहल नही करते तो किसानों को कष्ट होगा. किसानों ने कहाकि उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 31 मई 2023 को स्पष्ट आदेश दिया था कि जो किसान मुआवजा नही लिये हैं उनका वैधानिक अधिकार बना रहेगा. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार 6 सप्ताह में बिना मुआवजा लिये किसानों की जमीन छोड़ेगी या अगर लेगी तो दिल्ली एयरटेक या अलीगढ़ विकास प्राधिकरण कानून के आधार पर लेगी. लेकिन इस आदेश के बाद भी कोई निर्णय नही हो सका. उल्टे उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश के बावजूद किसानो की जमीन प्रशासन द्वारा जबरदस्ती कब्जा करने का प्रयास हुआ. पंचायत में मुख्य रूप से बिहारी पटेल, प्रेम शाह, दिनेश तिवारी, विजय नरायण वर्मा, उदय प्रताप पटेल, जय प्रकाश, लाल बहादुर, बबलू पटेल, कल्लू पटेल, रामराज, संजय, पांचू पटेल, सदानंद, उदयभान, बिटुना देवी, कृष्णावती, ज्योति, बिरजू, राजकुमार, सुरेंद्र पटेल, रामराज प्रधान आदि रहे. संचालनकृष्ण प्रसाद पटेल ‘छेदी‘ ने और धन्यवाद ज्ञापन अमलेश पटेल ने किया.

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