जानें कैसे, मोदी को आम लोगों से जुड़ने का मिलता मौका?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वह उन्हें मिलने वाले पत्रों(letters) में से कुछ पत्र हर रोज पढ़ते हैं, क्योंकि इससे उन्हें आम लोगों से जुड़ने को मौका मिलता है।

मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मदुरई की एक गृहिणी अरुलमोझी सर्वनन का पत्र साझा किया, जिसने मुद्रा योजना के जरिए एक ऋण लिया था। उसने सरकारी योजना ई बाजार – जीईएम में रजिस्टर कराकर प्रधानमंत्री कार्यालय को 1,600 रुपये में दो थरमस बेचे।

मोदी ने कहा कि जो भी सरकार को कोई भी चीज सप्लाई करना चाहता है, वह ई-जीईएम की वेबसाइट पर खुद को रिजस्टर करा सकता है।

मोदी ने कहा, “यह एक शानदार व्यवस्था है। वे अपने सामान की गुणवत्ता, जिस कीमत पर उसे बेचना चाहते हैं, वह लिख सकते हैं और सरकारी विभागों को साइट पर जाकर देखना होगा कि कौन सा सप्लायर गुणवत्ता से समझौता किए बिना सामान को सही कीमत पर बेच रहा है। उसके बाद ऑर्डर देने होंगे। इस प्रकार बिचौलिये की भूमिका खत्म हो जाएगी।”

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मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री को कई काम करने होते हैं, लेकिन उन्होंने हर रोज पढ़ने की आदत विकसित की है।

उन्होंने कहा कि अगर शायद अरुलमोझी ने उन्हें चिट्ठी न लिखी होती, तो शायद उनका इस पर ध्यान नहीं गया होता कि ई-जीईएम की व्यवस्था से दूर-सुदूर एक गृहिणी छोटा सा काम कर रही है, उसका माल प्रधानमंत्री कार्यालय तक खरीदा जा सकता है। यही देश की ताकत है।

मोदी ने कहा, “मैं मानता हूं कि यह ‘मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेस’ का सर्वोत्तम उदाहरण है और इसका लक्ष्य है न्यूनतम कीमत और अधिकतम सुविधा व पारदर्शिता।”

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