नाबालिग के पिता बोले- बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप वापस लेने की बात फर्जी

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भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 17 वर्षीय पहलवान के पिता ने रविवार देर रात कहा कि उन्होंने आरोप वापस नहीं लिए हैं. पीड़िता के पिता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके बयान (आरोपों पर) को वापस लेने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो कुछ भी बताया जा रहा है, वह फर्जी है. उन्होंने कहा कि हम अपने बयान पर कायम हैं।

दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर 17 वर्षीय पहलवान ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. जिसको लेकर खबरे सामने आ रही थी. कि 17 वर्षीय पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ अपनी शिकायत को वापस ले लिया है. इसपर कर देर रात नाबालिग पहलवान के पिता का बयान सामने आया कि उन्होंने आरोप वापस नहीं लिए हैं.

खाप पंचायत का सरकार को अल्टीमेटम

उन्होंने कहा, ‘हम अपने बयान पर कायम हैं और मैं स्टेशन से बाहर हूं और न तो दिल्ली में हूं और न ही हरियाणा में.’ दो दिन पहले किसानों और खाप पंचायतों (सामुदायिक अदालतों) के प्रतिनिधियों ने केंद्र को 9 जून तक बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया था. और कहा था कि सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे.

साथ ही पहलवानों के विरोध की भविष्य की रणनीति पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र शहर में आयोजित महापंचायत में इस संबंध में एक सामूहिक और सर्वसम्मत निर्णय लिया गया. 1 जून को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक ‘महापंचायत’ आयोजित की गई, जहां यह निर्णय लिया गया कि पहलवानों के लिए न्याय मांगने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेगा।

गृहमंत्री से मिले पहलवान..

ओलंपियन पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के खिलाफ मामले पर चर्चा की. पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने आईएएनएस को बताया, ‘उन्होंने गृहमंत्री के साथ अपनी चिंता साझा की. बैठक लंबी चली और उन्होंने सब कुछ सुना. लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.’

भाजपा सांसद के खिलाफ दो मामले दर्ज

जानकारी के मुताबिक, 7 पहलवानों ने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने इन शिकायतों के आधार पर बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए। पहली एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के साथ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी FIR अन्य पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है।

बृजभूषण शरण सिंह पर FIR में लगे ये आरोप

दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है. जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। एक प्राथमिकी में 6 पहलवानों के आरोप शामिल हैं. और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।

दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है. और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पांच से सात साल की कैद होती है। जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं।

नाबालिग ने अपनी शिकायत में कही थी ये बात…

आरोपी ने कस कर पकड़ लिया, तस्वीर खिंचवाने का नाटक किया, अपनी ओर खींचा, कंधे पर जोर से दबाया और फिर जानबूझकर उसके शरीर को गलत तरीके से छुआ।

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