Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा ने कल गंवाई सदस्यता अब ऐसे करेंगी वापसी….!

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Mahua Moitra : बीता शुक्रवार तृणमूल कांग्रेस दिग्गज सांसद महुआ मोइत्रा के लिए बुरी खबर लेकर आया था. कैश फॉर क्वेरी मामले को लेकर संसद की एथिक्स कमेटी में विचार विमर्श करके महुआ को संसद से निष्कासित कर उनकी संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया. इस मामले की शिकायत करने वाले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने निष्काशित प्रस्ताव पेश किया था, जिसे ध्वनिमत के साथ मंजूरी दी गयी. वहीं विपक्ष महुआ की सांसदी
रद्द होने को घटना को लोकतंत्र की हत्या बता रहा है, इसके साथ ही महुआ खुद को बेकसूर बता रही है.

दरअसल , महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि, उन्होंने अपने पार्लियामेंट लॉगिन आईडी पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया था. उनके ऊपर ये भी आरोप लगा कि साल 2019 – 23 के बीच उनकी आईडी से 61 बार सवाल पूछे गए, जिन्हें महुआ ने नहीं, बल्कि हीरनंदानी ने पूछा था. इसके बदले हीरनंदानी ने महुआ को कैश, गिफ्ट्स और कई तरह की मदद पहुंचाई थी. बीजेपी सांसद निशिकांत  दुबे ने इस मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद इस मामले की पड़ताल करते हुए बीते शुक्रवार को एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्राको दोषी करार देते हुए, उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी.

महुआ ने केन्द्र सरकार पर साधा निशाना

संसद सदस्यता गंवाने के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि, उन्हें निष्काषित करने का फैसला ‘कंगारू अदालत’ के जरिए दी जाने वाली फांसी की सजा की
तरह है. इसके साथ ही महुआ ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, सरकार ने एथिक्स कमेटी को विपक्ष को झुकाने वाला हथियार बनाना शुरू कर दिया है. महुआ ने कहा कि उन्हें उस आचार संहिता का दोषी पाया गया है, जिसका कोई अस्तित्व नहीं है. कैश या गिफ्ट के भी कोई सबूत नहीं हैं. ऐसे में, सांसदी के बाद महुआ के पास क्या विकल्प हैं?

महुआ इन विकल्पों से कर सकती है वापसी

दरअसल, महुआ मोइत्रा के पास संसद में वापसी अभी कुल पांच विकल्प बचें है, लेकिन अभी ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि वे इन विकल्पों का प्रयोग करके वापसी करेगी भी या नहीं. लेकिन इन विकल्पों के इस्तेमाल से वे संसद में वापसी कर सकती है. तो आइए जानते है

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महुआ के पास वापसी के ये हैं विकल्प ….

 

  • महुआ एथिक्स कमेटी के फैसले को लेकर संसद में समीक्षा की गुजारिश कर सकती है, हालांकि, आखिरी फैसला सांसद का ही होगा कि, वह इस पर विचार करना भी चाहते हैं या नहीं.
  • इसके अलावा महुआ मौलिक अधिकारों और प्राकृतिक न्याय का उल्लंघवन का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट जाएं और वह इस मामले में केस करें और फिर अदालती फैसले की उम्मीद करें.
  •  तीसरे विकल्प में वह संसद के निर्णय को स्वीकार करें और आगे बढ जाएं. लगभग चार महीने बाद एक बार फिर से चुनाव होने वाले हैं. वह चुनाव लड़ें और उसे जीतकर फिर से संसद में पहुंच जाएं.
  • टीएमसी नेता अगर चाहें तो चौथे ऑप्शन के तौर पर एथिक्स कमेटी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दे सकती हैं. वह इस बात का तर्क दे सकती हैं कि एथिक्स कमेटी ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर उनके खिलाफ फैसला दिया. वह ये भी कह सकती हैं कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति को देखना चाहिए.
  • महुआ मोइत्रा के पास पांचवा और अंतिम विकल्प है कि, वे दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे के जरिए राहत मांग सकती हैं. इसके लिए, उन्हें अदालत में साबित करना होगा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से उनकी छवि खराब हुई है, इससे वह एथिक्स कमेटी का निर्णय बदलने का अनुमान लगा सकती है
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