मायावती के मुंह से भ्रष्टाचार के आरोप अच्छे नही लगते : महेन्द्र नाथ

0

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे ने बसपा सुप्रीमो पर पलटवार किया है। महेन्द्र नाथ पांडे ने कहा कि मायावती के मुंह से भ्रष्टाचार के आरोप अच्छे नहीं लगते। उन्हे शायद याद नही है कि उनके नेतृत्व में बनी 2007 की यूपी सरकार में आधा दर्जन से अधिक मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खा रहे है।

इसमें गरीब जनता के स्वास्थ्य और दवाओं के लिए आए एनआरएचएम के बजट का अरबों का घोटाला भी शामिल है। गरीबों की दवाओं और इलाज के पैसे तक का भ्रष्टाचार करने वाली मायावती मोदी सरकार पर सवाल उठा रही हैं। जो हर गरीब परिवार को साल में पांच लाख रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा लागू कर रहे है।

Also Read :  दिन में करता था सिलाई और रात में सिरियल किलर

आपको बता दे कि देश में बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर मायावती ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। मायावती ने कहा था कि भारत बंद के लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। तेल की बढ़ी कीमतों पर नरेंद्र मोदी सरकार का रवैया बेहद अड़ियल है।

तेल की कीमतों पर केन्द्र सरकार का रवैया अडिय़ल

भाजपा के इसी रुख के कारण महंगाई बढ़ी और जनता की कमर टूट रही है। उन्होंने कहा कि इस सरकार की तेल नीति अव्यवहारिक है।मायावती ने कहा कि सरकार के मुताबिक पेट्रोल की कीमतें उनके काबू में नहीं है। मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को नाराज नहीं करना चाहती। जून 2010 में पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया गया। जिसे भाजपा ने भी जारी रखा है। इसे तो देखकर लगता है कि देश में तेल की कीमतों पर केन्द्र सरकार का रवैया अडिय़ल है।

मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के इस बात के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है कि तेल कीमतों का नियंत्रण उनके हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण ला सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखने की शुरुआत कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए 2 की सरकार में हुई थी। भाजपा भी अब उसी राह पर चल रही है जिसने डीज़ल को भी सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दिया है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More