Mahakumbh 2025: हठयोगियों की अनोखी साधना, कोई 9 तो कोई 11 साल से कर रहा तप…
Mahakumbh 2025: देश की संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. ऐसे में महाकुंभ के प्रारम्भ होने से पहले प्रयागराज में ऐसे अद्भुत हठयोगी भी पहुंचे है जो अपनी अनोखी साधना से सबको हैरान कर रहे है. मेले में ऐसे लोग पहुंचे हैं जो 9 साल से हाथ उठाये हैं तो कोई 11 साल से खड़ा है. ऐसे संतों की भक्ति और संकल्प महाकुंभ में आने वाले लोगों को अचंभित कर रहे हैं.
13 जनवरी से महाकुंभ का स्नान शुरू…
बता दें कि, इस बार 13 जनवरी से प्रयागराज के संगम क्षेत्र मंे मकर संक्रांति के स्नान के साथ ही महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी. यहाँ पर एक- एक कर सभी अखाड़ों का पहुंचना जारी है. इन अखाड़ों में एक से बढ़कर एक हठयोगी पहुँच रहे है और अपनी धुनि रमा रहे हैं.
हाथ खड़े हठ योगी- महाकाल गिरी अदभुत
बता दें कि, महाकुंभ में एक हठ योगी पहुंचे है जिनका नाम है महाकाल गिरी अदभुत जो भगवन की साधना में इतने विलीन हैं कि इन्होंने अपना एक हाथ पूरे नौ साल से ऊपर कर रखा है और कभी निचे ही नहीं करते हैं. वह अपने इस बाएं हाथ को धर्म की ध्वजा कहते हैं. इनका एक हाथ लकड़ी की तरह अकड़ गया है, नाखून टेढ़े मेढ़े हो गए हैं. बाएं हाथ में अब जान नहीं बची है. आवाहन अखाड़े के ये हठयोगी साधु इसे गौ माता के प्रति अपनी श्रद्धा बताते हैं. गोहत्या बंद करने का भी उनका अभियान है. वे कहते हैं कि जब तक गौ माता के साथ अत्याचार होता रहेगा तब तक उनका यह हठयोग जारी रहेगा.
हठयोग के 9 साल पूरे…
गौरतलब है कि, महाकाल गिरी अदभुत की साधना के 9 साल पूरे हो चुके हैं और इनकी सिद्धि 12 साल में होनी है. लेकिन अब इनका यह कहना है कि आजीवन वह अब ऐसे ही रहेंगें क्योंकि उन्होंने अब इसे ठान लिया है कि अब इनका एक हाथ अब धर्म ध्वजा ही रहेगा.
खड़े हठयोगी- खड़ेश्वर महाराज
वहीं, मेले में दूसरे हठयोगी हैं जिन्हे खड़ेश्वर महाराज जी के नाम से जाना जाता है. यह भी आवाहन अखाड़े की हठयोगी है. इन्होने पिछले 11 साल से अपने पैर जमीन से नहीं हटाए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने पिछले 11 साल से अपने पैर जमीन से भी नहीं उठाए हैं. न कभी बैठे और न कभी सोए. बगल में सहारे के लिए टीन का एक ड्रम रखा है, उस पर एक घडा रखा है. इनके पैर सूजकर पत्थर जैसे हो चुके हैं. पैर में घाव भी हैं.
सांस नहीं सिलिंडर के जरिए कर रहे हठयोग- इंद्रगिरी
इसी मेले में एक और हठयोगी भी दिखे जो अपने मन से सांस नहीं ले पा रहे हैं और पिछले 4 साल से ऑक्सीजन के जरिए सांस ले रहे हैं. वह धूनी नहीं जमा सकते क्योंकि उनके फेफड़े ख़राब हो चुके हैं और वह ऑक्सीजन सिलिंडर के जरिए सांस ले रहे हैं. इंद्र गिरी कहते हैं कि सब ठीक है और इसी तरीके से शाही स्नान भी करेंगे. भगवान का भजन भी करेंगे और जन कल्याण के लिए यह हठयोग भी जारी रहेगा.