उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) हिंसा के आरोपियों के पोस्टर मामले में हाईकोर्ट पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह एफआईआर सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने दर्ज कराई है।
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने बीते दिन लखनऊ पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का प्रार्थना पत्र सौंपा था।
प्रार्थना पत्र में सोशल मीडिया पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर अमर्यादित व अशोभनीय टिप्पणी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने दिया था पोस्टर हटाने का आदेश-
मालूम हो कि 9 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने के मामले में योगी सरकार को पोस्टर हटाने का आदेश जारी किया था।
जैसे ही यह फैसला आया, ट्विटर पर लगातार ‘वाह रे कोर्ट’ और ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट’ ट्रेंड करने लगा। ‘वाह रे कोर्ट’ हैशटैग तो कुछ ही देर में टॉप पर पहुंच गया था।
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