यूपी: कभी इस स्थान पर था राक्षसों का वास, श्रीराम के आने से पहले ब्रह्माजी ने किया था पवित्र, सतयुग से लगातार हो रहा यज्ञ, जानें मान्यता
भारत एक धर्म प्रधान देश है और यह एक प्रमुख वजह है कि हमारी संस्कृति सदियों से इस मजबूत डोर में बंधी होने के वजह से अखंड रही हैं. संपूर्ण विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां हर कदम पर आस्था और धर्म के विभिन्न स्वरूपों के आसानी से दर्शन हो जाते हैं. यहां हर चीजें भगवान के एक आदेश या संकेत के तौर पर देखी और समझी जाती हैं. भारत के हर राज्य के हर शहर के कोने-कोने में कोई न कोई अद्भुत मंदिर मौजूद है. ऐसा ही एक मंदिर यूपी के चित्रकूट में स्थित है.
मंदिर का नाम और मान्यता…
भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में स्थापित इस मंदिर का नाम यज्ञ वेदी मंदिर है. मान्यता है कि यहां पर भगवान ब्रह्मा जी ने 108 कुंड बनाकर यज्ञ किया था. बताया जाता है कि त्रेता युग से पहले सतयुग में इस स्थान पर भयंकर राक्षसों का वास था. उनके गलत कार्यों के कारण यहां की धरती अपवित्र हो चुकी थी. भगवान ब्रह्मा जी को पहले से यह ज्ञान था कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम अपने वनवास के 11 वर्ष और 6 माह का समय चित्रकूट में बिताएंगे, इसलिए उन्होंने यहां की धरती को पवित्र करने के लिए यज्ञ किया था.
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आज भी यज्ञ वेदी मंदिर चित्रकूट के रामघाट पर स्थित है. यज्ञ वेदी मंदिर के अंदर 108 हवन कुंड भी मौजूद हैं, जिनके दर्शन हेतु दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं. मान्यता है कि इस कुंड में देखने पर सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
सतयुग से लगातार हो रहा यज्ञ…
यज्ञ वेदी मंदिर के पुजारी के मुताबिक, सतयुग से ही इस पवित्र स्थान पर लगातार यज्ञ किया जा रहा है जो कभी बंद नहीं होता है. यहां पर यज्ञ के साथ राम नाम का जाप ही होता रहता है. इसके अलावा, चौबीसों घंटे अखंड मानस का पाठ चलता रहता है. इस मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की झांकी भी विद्यमान है. इनके दर्शन श्रद्धालुओं को प्राप्त होते हैं. भगवान ब्रह्मा जी के भी दर्शन लोग करते हैं.