यूपी: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में अब महज 35 दिन का समय बचा है. दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच एक बार फिर “यूपी से दो लड़कों की जोड़ी देखने को मिलेगी”. बता दें कि प्रदेश में भले ही अभी तक सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग न हुई हो लेकिन ” भारत जोड़ो न्याय यात्रा ” के यूपी पहुंचने से पहले ही अखिलेश ने कांग्रेस का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. वहीं एक बार फिर 7 साल बाद प्रदेश में “यूपी से दो लड़कों की जोड़ी देखने को मिलेगी”.
अखिलेश ने स्वीकार किया यात्रा का निमंत्रण-
कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा का निमंत्रण पत्र स्वीकार करते ही अखिलेश ने खुशी जाहिर की और कहा कि- ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ प्रदेश में प्रवेश करके PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) की रणनीति से जुड़ेगी और हमारे ‘सामाजिक न्याय’ और ‘परस्पर सौहार्द’ के आंदोलन को और आगे ले जाएगी.
2019 लोकसभा में साथ दिखी थी यह जोड़ी
आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में इनकी जोड़ी एक साथ नजर आई थी लेकिन मोदी मैजिक के चलते यह जोड़ी टिक नहीं पाई और बसंत के पतछड़ की तरह उड़ गई. 2019 लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस में गठबंधन हुआ था जहां बसपा ने 10, सपा ने 5 और कांग्रेस ने एक सीट जीती थी.
हमेशा से कांग्रेस के लिए खाली रही है अमेठी – रायबरेली की सीट-
गौरतलब है कि यूपी में कांग्रेस की गढ़ कही जाने वाली अमेठी और रायबरेली सीट हमेशा से खाली रही है. यहां किसी भी सहयोगी दल ने इनके सम्मान में कोई प्रत्याषी नहीं उतारा है. प्रदेश में चाहे बसपा हो या समाजवादी पार्टी कभी भी किसी नहीं कांग्रेस के लिए इन दो सीटों में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं.
Paytm Ban: पेटीएम की डूबती नैय्या में तैर गए ये एप
रायबरेली-अमेठी में साथ दिखेंगे राहुल -अखिलेश
‘यूपी के दो लड़कों की जोड़ी’ फिलहाल अमेठी और रायबरेली में नजर आएगी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में सूबे के तमाम इलाकों में साथ-साथ नजर आएंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कैसे राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए रजामंदी दे दी है. यह बात इसीलिए कही जा रही है, क्योंकि अखिलेश यादव 2017 के बाद से कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ मंच शेयर करने से बचते रहे हैं.