लालू को जेल में ही पहुंचाया गया उनका मनपसंद ‘अरवा चावल, दाल और घी’

0

जब से राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव रांची के बिरसा मुंडा जेल गए हैं, उनके परिवार वालों को सबसे अधिक चिंता उनके भोजन को लेकर है। राबड़ी देवी ने उनका मनपसंद अरवा चावल, दाल, घी सबकुछ जेल में भिजवा दिया है। राबड़ी देवी द्वारा भेजा गया ये सारा समान लालू यादव को जेल में बुधवार को मिल गया है। फ़िलहाल रांची में पार्टी विधायक और लालू के क़रीबी भोला यादव वहीं ठहरे हुए हैं।

किसी भी तरह की मदद से इंकार कर दिया था

चूंकि लालू को जेल की सब्ज़ी से शिकायत थी इसलिए भोला फ़िलहाल हर दिन हरी सब्ज़ी और अलग- अलग क़िस्म के लालू के मनपसंद साग उन्हें जेल में भिज़वाते हैं। इससे पूर्व मुलाकातियों को संख्या बढ़ाने के लिए भोला, झारखंड राजद अध्यक्ष अनुपूर्णा देवी के साथ मुख्यमंत्री रघुबर दास से मिले भी थे लेकिन उन्होंने जेल मैन्युअल और मीडिया में हंगामा की आशंका से किसी भी तरह की मदद से इंकार कर दिया था।

also read : दिव्यांग हैं ये IAS अफसर, काम में गलती निकालो तो जानें

इसके बाद अब पार्टी नेताओं को सोमवार का इंतज़ार हैं क्योंकि उसी दिन लालू यादव अपने तीन समर्थकों से मिल सकते हैं लेकिन मुलाक़ात उन्हीं लोगों से करवाई जाएगी जिनसे लालू मिलना चाहेंगे। फ़िलहाल जेल में लालू यादव का खाना बनाने के लिए एक सजायाफ्ता क़ैदी को उनकी सेवा में दिया गया है। इससे पूर्व भी जब पहली बार लालू यादव दोषी क़रार दिए गए थे तब इसी जेल में बंद थे। तब भी ये सुविधा उन्हें दी गयी थी लेकिन उस समय झारखंड में राजद समर्थित सरकार थी इसलिए लालू से मिलने वालों पर कोई पाबंदी नहीं थी।

लालू यादव के ख़िलाफ़ इतनी सख़्ती कर रखी है

इसके अलावा लालू का मनपसंद हरेक व्यंजन उनको समर्थकों द्वारा मिल जाता था। हालांकि रांची में जेल प्रशासन का कहना है कि लालू यादव को मुलाक़ातियों की सीमित संख्या के अलावा किसी अन्य चीज़ की कोई दिक़्क़त नहीं आ रही है। उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ख़्याल डॉक्टर रख रहे हैं और खाने में भी जैसी चीज़ें वह पसंद करते हैं, उन्हें दी जा रही हैं। हालांकि राजद के नेताओं का कहना है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में राज्य सरकार ने लालू यादव के ख़िलाफ़ इतनी सख़्ती कर रखी है।

(साभार-एनडीटीवी)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More