Kolkata: देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल सेवा का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

जानें क्या है खासियत ?

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Kolkata: बुधवार को पीएम मोदी बंगाल दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कोलकाता में देश के पहले अंडरवॉटर मेट्रो रेल सेवा का उद्घाटन कर कोलकाता लासियों को तोहफा दिया है. इस मौके पर पीएम मोदी ने 15400 करोड़ की मेट्रों से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया है. यह पीएम मेट्रो सेवा की पहली सवारी होने वाली है. यह मेट्रो स्टेशन हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच तैयार किया गया है. इस टनल में यात्रियों को हुगली नदी के तल से तकरीबन 32 मीटर अंदर चलने का अनुभव करने को मिलेगा. इसके साथ ही इस टनल के माध्यम से यात्रियों के लिए यात्रा का समय कम लगेगा.

2009 में रखी गयी थी आधारशिला

देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन, जो ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का हिस्सा है, हावड़ा और एस्प्लेनेड के बीच चलेगी. यात्रियों का सुरंग में नीली रोशनी से स्वागत किया जाएगा, जब तक कि ट्रेनें हुगली नदी पार नहीं कर लेतीं. न्यू गरिया-हवाईअड्डा मार्ग पर तारातला-माझेरहाट खंड और जोका-एस्प्लेनेड मेट्रो मार्ग पर न्यू गरिया-रूबी अस्पताल क्रॉसिंग खंड पूरा हो गया है और सार्वजनिक उपयोग के लिए तैयार है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, हावड़ा मैदान-साल्ट लेक सेक्टर V पूर्व-पश्चिम कोलकाता मेट्रो कॉरिडोर पर हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड खंड भी खोला जाएगा. 2008 में केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दी थी और 2009 में इसकी आधारशिला रखी गई.

इस मार्ग पर होंगे चार अंडरवॉटर मेट्रो स्टेशन

हावड़ा क्षेत्र से एस्प्लेनेड तक 4.8 किलोमीटर का रास्ता बनकर तैयार है. इस मार्ग पर चार अंडरग्राउंड स्टेशन हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लेनेड हावड़ा स्टेशन हैं जो सभी जमीन से 32 मीटर नीचे हैं. दुनिया में ये सबसे गहरी मेट्रो स्टेशन है, पानी के नीचे मेट्रो रूट पहले से ही लंदन और पेरिस में बनाए गए हैं.

इस साल हुई थी प्रोजेक्ट की शुरूआत

एफकॉन्स कंपनी को 2010 में टनल बनाने का अनुबंध दिया गया था. कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर सैयद मो. जमील हसन ने बताया कि, ” 2010 में टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एफकॉन्स कंपनी को दिया गया था. एफकॉन्स ने अंडर वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जर्मन कंपनी हेरेनकनेक्ट सेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मंगाईं थी. इन मशीनों के नाम प्रेरणा और रचना हैं, जो एफकॉन्स के एक कर्मचारी की बेटियों के नाम पर हैं.”

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टनल की सही जगह का पता लगाने के लिए सर्वे

योजना के दो सबसे बड़े मुद्दे थे: खुदाई के लिए सही मिट्टी का चुनाव कैसे होगा और टीबीएम की सुरक्षा का था. कोलकाता में हर 50 मीटर पर अलग-अलग मिट्टी मिलती है. टनल के लिए सही स्थान का निर्धारण करने के लिए सिर्फ पांच से छह महीने का समय लगा. तीन से चार बार सर्वे करने के बाद निर्णय लिया गया कि हावड़ा ब्रिज से हुगली नदी के तल से 30 मीटर नीचे की मिट्टी पर एक टनल बनाया जा सकता है.

 

 

 

 

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