ये है हिंदुस्तान की वो जगह जहां शाम ढलने के बाद जो गया वापस नहीं आया !
आपने हिंदुस्तान में ही नहीं पूरी दुनिया में भूतों और प्रेतों की कहानी को सुना होगा, फिल्मों में देखा होगा। लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं, उसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां…भारत में एक ऐसी जगह है जहां सुनाई देती हैं कुछ आवाजें चीखने की, चिल्लाने की। रात के अंधेरे में कोई मदद की गुहार लगाता है कोई फूट-फूटकर रोता है, लेकिन दिखता कोई नहीं।
समंदर किनारे हैं अदृश्य शक्तियां
सुनने में अजीब जरुर लग रहा होगा, लोगों का कहना है कि गुजरात का वो समंदर का किनारा…जहां बीच पर जश्न मनातीं कुछ अदृश्य शक्तियां हैं। ऐसी शक्तियां जो इंसानों से अलग हैं। शाम ढलने के बाद उस बीच पर इंसानों का आना जाना वर्जित हो जाता है। लोगों का कहना है कि यहां भटकती आत्माओं का बसेरा है। वो सायों का समूह है, जिसे इंसानों की आंखों से देखने पर दिल धड़कना बंद हो जाता है।
गुजरात के डुमस बीच की कहानी
ये कहानी है गुजरात के ‘डुमस बीच’ की, इसे ‘दमस बीच’ भी कहते हैं। यूं तो इस बीच पर दिन भर प्रेमी जोड़े और पर्यटकों का रेला लगा रहता है मगर जैसे-जैसे सूरज क्षितिज के पार जाता है और शाम गहराती है वैसे-वैसे यहां से इंसान गायब होने लगते हैं। शाम ढलने के बाद यहां रूहों का बसेरा हो जाता है। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां शाम ढलने के बाद भूत आते हैं।
यहां भूतों का है कब्जा
कहा जाता है कि इस बीच पर सदियों से भूतों ने अपना कब्जा जमा लिया था। भूतों के कब्जे की बदौलत ही यहां समंदर की रेत सफेद नहीं बल्कि काली है वरना ज्यादातर समंदर की रेत सफेद होती है। लोगों की मानें तो अकाल मृत्यु के कारण मरे वो लोग जिनका दाह संस्कार यहां होता है, वो इन्हीं बीच वाले भूतों के गैंग में शामिल हो जाते हैं।
दिन भर पर्यटकों का रहता है डेरा
सूरत से 20 किलोमीटर दूर दमस या डुमस नाम के इस बीच को लवर्स का फेवरेट बीच कहा जाता है। दिन भर यहां कपल्स के साथ साथ पर्यटक आते रहते हैं। लेकिन यहां स्थानीय लोग भूतों की कहानी को इतने दावे के साथ बताते हैं कि न चाहते हुए भी एक अनजाना सा खौफ दिल में बैठ जाता है। भूतों की इस कहानी में कितनी सच्चाई है, ये तो बताना मुश्किल है, लेकिन ये सच है कि रात के अंधेरे में कभी कभी समंदर किनारे कुत्ते रोते हैं, जिसे लोगों ने भूत प्रेत से जोड़ दिया है।