बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयान के वजह से विवादों में हैं। कंगना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘असली आजादी’ 2014 में मिली, जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, वहीं 1947 में देश को जो स्वतंत्रता मिली थी वह ‘भीख’ में मिली थी। कंगना के इस विवादास्पद बयान को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
वरुण गांधी का निशाना:
वरुण गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘’कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’’
कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार।
इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह? pic.twitter.com/Gxb3xXMi2Z
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 11, 2021
आजादी को भीख कहना कंगना रनौत का मानसिक दीवालियापन है:
अकाली दल के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके कहा है, ‘’मणिकर्णिका का रोल निभाने वाली आर्टिस्ट आज़ादी को भीख कैसे कह सकती है। लाखों शहादतों के बाद मिली आज़ादी को भीख कहना कंगना रनौत का मानसिक दीवालियापन है।’’
मणिकर्णिका का रोल निभाने वाली आर्टिस्ट आज़ादी को भीख कैसे कह सकती है!!!
लाखों शहादतों के बाद मिली आज़ादी को भीख कहना कंगना रनौत का मानसिक दीवालियापन है। pic.twitter.com/YnBYLHMWGk— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) November 11, 2021
कांग्रेस ने भी साधा निशाना:
कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने कहा, ‘यह बयान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। कंगना, तुम पर शर्म आती है।’
This statement is an insult to our freedom fighters who sacrificed their lives for India's Independence. Shame on you Kangana! pic.twitter.com/mDkstF3BPq
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) November 10, 2021
कंगना रनौत ने क्या कहा है?
दरअसल एक इंटरव्यू में कंगना रनौत ने आजादी को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। कंगना ने कहा, ‘’आजादी अगर भीख में मिले, तो क्या वो आजादी हो सकती है? सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन। पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी। जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।’’
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