नई दिल्ली : जोहान गिसेके Johann Giesecke जो कि स्टॉकहोम के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर एमेरिटस हैं व जानेमाने स्वीडिश डॉक्टर हैं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कोरोनावायरस महामारी पर बात की। इसतरह राहुल ने अपनी बातचीत की सीरीज को जारी रखा।
Johann Giesecke ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले इससे बाहर निकलने की रणनीति के बारे में किसी देश ने नहीं सोचा। Johann Giesecke ने कहा, “यूरोप के जिन सभी देशों ने एक या दो महीने पहले लॉकडाउन लगाया, उन्होंने उस समय इससे बाहर निकलने की रणनीति के बारे में नहीं सोचा।”
उन्होंने कहा कि ‘आप बेहद सख्त लॉकडाउन के अच्छे के बजाए ज्यादा नुकसान देखेंगे।’
कैसे बाहर आयेंगे
Johann Giesecke ने कहा, “हर एक देश ने कहा था कि हम इस लॉकडाउन को लगाएंगे, हम इस स्कूल को बंद कर देंगे, हम इस सीमा को बंद कर देंगे, हम रेस्तरां को बंद कर देंगे। मुझे नहीं लगता कि उस समय उन्होंने इस बारे में सोचा होगा कि इससे कैसे बाहर आया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “अब हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है कि हम इससे कैसे बाहर निकले।”
धीरे धीरे प्रतिबंध हटाएं
उन्होंने इससे चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलना सुझाया। उन्होंने कहा, “भारत में एक के बाद एक प्रतिबंध हटाना चाहिए, आप एक प्रतिबंध हटाएं, एक में नरमी लाएं।”
Johann Giesecke ने कहा, “2-3 सप्ताह तक प्रतीक्षा करें और देखें कि क्या होता है। अगर बीमारी का प्रसार अधिक है, तो एक कदम पीछे हटें और अन्य तरह का प्रतिबंध लगाने का प्रयास करें।”
बाहर आने में समय लगेगा
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लॉकडाउन को खत्म करने में महीनों लगेंगे। लेकिन आपको एक बार में एक प्रतिबंध लगाना चाहिए और देखना होगा कि क्या होता है।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह एक मुश्किल संतुलन है। हमने इसे स्वीडन में जिस तरह से किया है उसका मुख्य मकसद बुजुर्गो और कमजोरों को सुरक्षित रखना है। उन्हें बीमारी से बचाना चाहिए, बाकी चीजें बाद में आती हैं।
स्वीडेन पूरी तरह बंद नहीं
उन्होंने कहा कि हमने स्वीडन को पूरी तरह से बंद नहीं किया है। कई कार्यस्थल खुले हैं। हमारे लिए प्रतिबंध नहीं हैं। आप बाहर जाकर लोगों से मिल सकते हैं।
Johann Giesecke ने भारत के बारे में सुझाव देते हुए कहा, “अगर आपने एक कड़ा लॉकडाउन लगाया है तो आप बहुत जल्दी अपनी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देंगे। मुझे लगता है कि लॉकडाउन को छोड़ना बेहतर है, बुजुर्गो और कमजोरों का ख्याल रखें और अन्य लोगों को संक्रमित होने दें। अधिकांश लोग बीमार भी नहीं होंगे। उनका ध्यान भी नहीं जाएगा कि वे संक्रमित हैं।”
यह भी पढ़ें: कोरोना से सामने आया पुलिस का मानवीय चेहरा
यह भी पढ़ें: ‘अम्फान’ : PM मोदी ने ममता सरकार को दी 1000 करोड़ की राहत
[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हेलो एप्प, डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)