कर्नाटक में लेफ्ट को साथ लाने में जुटे JDS-BSP

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए हाल में गठबंधन करने वाले जेडीएस और बीएसपी ने अब सीपीएम और सीपीआई को भी अपने साथ लाने की कोशिश की है। यह ‘गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेस गठबंधन’ बनाने की कोशिश का हिस्सा है। खबरों के मुताबिक बीएसपी प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर में आगामी लोकसभा उप चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस-एसपी गठबंधन का मुकाबला करने के लिए आरएलडी के नेता अजित सिंह को गठबंधन करने का प्रस्ताव भेजा है।

कुमारस्वामी के साथ एक रैली को संबोधित करेंगी

यह कदम ऐसे समय में उठाए जा रहे हैं, जब कांग्रेस नेतृत्व और उसके कुछ सहयोगी दलों ने शक जताया है कि बीजेपी अपने खिलाफ बड़ा गठबंधन बनाने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए काम कर रही है। हालांकि, जेडीएस-बीएसपी कैंप का कहना है कि यह गठबंधन कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने के लिए बनाया गया है और इसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है। मायावती शनिवार को बेंगलुरु में जेडीएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और कुमारस्वामी के साथ एक रैली को संबोधित करेंगी।

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दोनों दलों के बीच गठबंधन में बड़ी भूमिका निभाने वाले जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने कहा, ‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चल रही है। हमने सत्ता विरोधी वोटों का फायदा उठाने के लिए गठबंधन बनाया है। हमारे ऐसा नहीं करने पर ये वोट बीजेपी के पास जाते।’ जेडीएस-बीएसपी गठबंधन उन्हीं दलित (24%) और मुस्लिम (13%) मतदाताओं पर फोकस करेगा, जो कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं। राज्य में सीपीएम और सीपीआई की अधिक मौजूदगी नहीं है, लेकिन इन दलों को साथ लाने में जेडीएस की दिलचस्पी की वजह यह दिखाना है कि तीसरा मोर्चा बनाने के लिए गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी गठबंधन एक आधार हो सकता है।

जेडीएस पाला बदलकर बीजेपी के साथ जा सकती है

ऐसा पता चला है कि सीपीएम और सीपीआई के नेताओं ने इस बारे में फैसला लेने की जिम्मेदारी राज्य में अपने नेताओं को दी है। हालांकि, वाम दलों के नेताओं को यह आशंका है कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में जेडीएस पाला बदलकर बीजेपी के साथ जा सकती है। उत्तर प्रदेश में बीएसपी की अजित सिंह को साथ लाने की कोशिश पिछले वर्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई विपक्ष की संयुक्त मीटिंग में मायावती के हिस्सा लेने के बाद शुरू हुई थी। उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के अपनी सीटों से इस्तीफा देने की वजह से हो रहे हैं।

NBT

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