IT Ministry: अब फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगी लोन ऐप कंपनियां ….

IT Ministry: अब फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगी लोन ऐप कंपनियां ....

IT Ministry:  आजकल सोशल मीडिया के जरिए ठगी करने के कई सारे मामले सामने आ रहे हैं. ठग बड़ी आसानी से इसके माध्यम से लोगों को अपने शिकार बनने में सफल हो रहे हैं. साइबर ठगी के लगातार बढते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त निर्देश देते हुए सभी डिजिटल प्लेटफार्म पर ऋण एप के विज्ञापन पर रोक लगा दी है.

ऋण एप्स के नहीं दिखाए जाएंगे विज्ञापन

इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा है कि, ”आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे धोखाधड़ी वाले ऋण एप्स के विज्ञापन न दिखाएं. इस तरह के एप लोगों को गुमराह कर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं, इसलिए इन्हें बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए”

इसलिए लगाई गई रोक

चंद्रशेखर ने बताया कि, ‘हम जिन क्षेत्रों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं, उनमें से एक हैं धोखाधड़ी वाले ऋण एप्स के विज्ञापन. बहुत सारे प्लेटफॉर्मों पर हमने धोखाधड़ी वाले विज्ञापन देखे हैं. इसलिए कल एक एडवाइजरी जारी कर हमने यह साफ कर दिया है कि कोई भी धोखाधड़ी वाले ऋण एप का विज्ञापन नहीं दिखा सकता है. यह विज्ञापन लोगों को गुमराह कर सकता है.’

Also Read : खुशखबरी, नए फीचर्स से साथ लांच हुआ Oppo Android 14

ढाई हजार से ज्यादा के एप्लिकेशन हुए निलंबित

गौरतलब है कि, इससे पहले भी सरकार ने लोकसभा में बताया था कि, ‘गूगल ने अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 के बीच अपने प्ले स्टोर से 2,500 से अधिक धोखाधड़ी वाले ऋण एप को निलंबित कर दिया है या हटा दिया है. ‘ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि, ‘सरकार धोखाधड़ी वाले ऋण एप को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य नियामकों तथा संबंधित हितधारकों के साथ लगातार काम कर रही है.’

इसके आगे उन्होंने बताया कि, ”उनकी अध्यक्षता में एक अंतर-नियामक मंच, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठकों में भी इस मामले पर नियमित रूप से चर्चा और निगरानी की जाती है. उन्होंने कहा था कि, ‘गूगल ने प्ले स्टोर पर ऋण देने वाले एप को शामिल करने के संबंध में अपनी नीति में बदलाव किया है और संशोधित नीति के अनुसार, प्ले स्टोर पर केवल उन्हीं एप को जारी करने की अनुमति दी गई है जो या तो विनियमित संस्थाओं (आरई) की ओर से जारी किए गए हैं या आरई के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं’.