Iran Pakistan Tension: पाकिस्तानी सेना ने ईरान पर किया जवाबी हमला, अमेरिका का मिला साथ
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में आतंकी ठिकानों पर एक बड़ा हमला किया है. वहीं भारी दबाव के कारण पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की है. इस हमले से क्षेत्र में और भी ज्यादा तनाव बढ़ गया है.
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ईरान की सीमा के 48 किलोमीटर अंदर किया हमला
पाकिस्तान ने पलटवार करते हुए गुरुवार सुबह को ईरान में छिपे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ‘मार्ग बार सरमाचर’ चलाया था. इस ऑपरेशन का मतलब है, ‘विद्रोहियों या लड़ाकुओं की मौत’. पाकिस्तान का दावा है है इस ऑपरेशन में उसने कई आतंकियों को ढेर कर दिया है. वहीं ईरान के मीडिया के मुताबिक हमले में दो बच्चे और तीन महिलाओं समेत 9 विदेशी नागरिकों की मौत हुई है.
Exclusive footage of Pakistan’s missile strike on Iran. pic.twitter.com/wMXxEWO6fe
— Wajahat Kazmi (@KazmiWajahat) January 18, 2024
पाकिस्तानी सेना पर बढ़ रहा है आंतरिक दबाव
भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया जाना , कैप्टेन अभिनंदन की वापसी , भारत द्वारा धारा 370 का खात्मा , इमरान खान के समर्थकों द्वारा सेना के कैंप पर हमला हो या आये दिन पाकिस्तान में आतंकवादियों की हो रही टारगेट किलिंग हो इन सबमें एक बात समान है कि पाकिस्तान सेना द्वारा इन सभी मामलों में कुछ खास जवाबी कार्रवाई नहीं की गयी. सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी ही की गयी. आर्थिक संकट की मार झेल रहा पाकिस्तान इस समय आतंरिक संकट से भी जूझ रहा है.
पाकिस्तान की मीडिया और वहां के लोगों के बीच पाकिस्तान की सेना की छवि लगातार गिर रही है. इस हमले से पाकिस्तान की सेना अपना रसूख बचाने का प्रयास कर रही है.
केवल सत्ता में दखलअंदाजी का लगता आया है आरोप
पाकिस्तान की सेना का पाकिस्तान के राजनीति में हस्तक्षेप किसी से भी छिपी नहीं है. पाकिस्तान की सेना पर एक कहावत मशहूर है कि “युद्ध एक भी जीते नहीं, चुनाव एक भी हारे नहीं”. इस वर्ष होने वाले आम चुनावों में सेना पुरजोर कोशिश कर रही है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई को किसी भी तरह से सत्ता से दूर रखा जाए. सेना द्वारा इमरान खान के किसी भी प्रकार के मीडिया इंगेजमेंट पर पाबंदी लगा दी गयी है. उनके चुनाव चिन्ह को भी छीन लिया गया है. साथ ही पीटीआई द्वारा सोशल मीडिया पर आयोजित रैली को रोकने के लिये इंटरनेट को पूरे देश में बंद कर दिया जा रहा है.
इन सबके कारण पाकिस्तान के आबादी का एक बड़ा हिस्सा जो कि इमरान खान का समर्थन करता है वह सेना के खिलाफ होते जा रहा है.
दूसरी ओर ईरान के हवाई हमले के कारण पाकिस्तानी सेना के उपर दबाव अधिकतम स्तर पर पहुंच गया था. देश की आंतरिक शांति और जनता में सेना के प्रति विश्वास कायम रखने के लिये पाकिस्तानी सेना ने यह कदम उठाया है. एसे में भारत को भी अपने पड़ोसी देश की हरकतों का खासा ध्यान रखना होगा.
अमेरिका की शह पर किया गया है हमला
जियोपोलिटिक्स के विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की है. हिजबुल्ला, हमास और हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है. ईरान द्वारा इन संघठनों को फंडिग दी जाती है. आशंका है कि इजराइल हमास युद्ध और हूती विद्रोहियों की फंडिग रोकने के लिये अमेरिका ने ईरान के सामने पाकिस्तान की तरफ से एक और वॉर फ्रंट खोल दिया है, जिससे इजराइल को युद्ध में फायदा मिल सके. वहीं अमेरिका को हिंद महासागर में हूती विद्रोहियों को काउंटर करने में आसानी हो सके.
पाकिस्तानी मीडिया रिपार्ट्स के अनुसार, अमेरिका के कहने पर ही पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान को सत्ता से बेदखल किया है.
अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया से कहा है कि हम लगातार कूटनीतिक कोशिशों के जरिए तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार के मिलकर मुद्दे सुलझाने के बयान की तारीफ की और कहा कि ‘लड़ाई को बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है.’ पाकिस्तान ने ईरान पर हमला अमेरिका के कहने पर किया है, के सवाल पर कहा कि ‘ऐसी निजी बात की मेरे पास कोई जानकारी नहीं है.
मिलर ने कहा कि ‘ईरान ने पाकिस्तान समेत तीन पड़ोसी देशों पर स्ट्राइक की. ईरान पर आरोप लगाया कि उसका आतंकवाद को वित्त पोषण देने, मध्य पूर्व में अस्थिरता को बढ़ावा देने का लंबा इतिहास रहा है. आगे कहा कि, ‘ईरान सालों से हमास का समर्थक रहा है. वह हिजबुल्ला को फंडिंग करता है. साथ ही वह हूतियों को भी फंडिंग करता है. ईरान क्षेत्र की अस्थिरता को बढ़ा रहा है. यही वजह है कि हम कार्रवाई कर रहे हैं ताकि ईरान को जवाबदेय ठहराया जा सके.’
चीन दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने को तैयार
🇨🇳🇮🇷🇵🇰China calls on Iran and Pakistan to 'exercise restraint' following a deadly air strike. pic.twitter.com/gxBMtvbvkZ
— Ignorance, the root and stem of all evil (@ivan_8848) January 19, 2024
पाकिस्तान-ईरान के संबंध में खटास को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि पाकिस्तान ने ईरान पर हमले किए. माओ ने कहा कि हमारा ध्यान दोनों के बीच तनाव को कम करना है. हमारा मानना है कि देशों के बीच संबंध संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून के उद्देश्यों और सिद्धांतों के आधार पर होने चाहिए. माओ ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि दोनों देश शांति और संयम बरतेंगे. हम दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान और ईरान आपसी मुद्दों के बेहतर तरीके से संभाल लेंगे.
बता दें कि चीन का दोनों देशों में कई बिलियन डॉलर का निवेश है. एसे में दोनों देशों के बीच का यह तनाव ड्रेगन के लिये बड़ी समस्या है.
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भारत ने भी दी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है. जहां तक भारत का सवाल है, हम आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते.
ईरान का पाकिस्तान पर हमले के बाद उन्होंने प्रेस रिलीज जारी कर कहा थ कि हर देश को आत्मसुरक्षा से जुड़े फैसले लेने का अधिकार है.