India’s First AI teacher: देश को मिली पहली एआई टीचर, तीन भाषाओं में करती है बात
केरल में लॉन्च की गयी पहली एआई शिक्षिका
India’s First AI teacher: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई विश्व भर में तेजी से फैल रहा है. ऐसे में भारत भी कहां पीछे रहने वाला है. ऐसे में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिससे एआई अचूका रह जाए. मीडिया, स्वास्थ्य के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में भी एआई ने अपना पहला कदम रख दिया है. अब एआई के मदद से न सिर्फ शिक्षा दी जाएगी बल्कि एआई शिक्षिका बच्चों को उनके क्लास में पढ़ाने के लिए भी पहुंचने वाली है. यह सुनने में बेशक हैरान करने वाला हो लेकिन यह बात बिल्कुल सच है और यह अद्भुत कारनामा भारत के राज्य केरल में हुआ है. जहां पहली एआई शिक्षिका को लॉन्च किया गया है. इसका नाम आइरिस रखा गया है. आइए जानते हैं कैसे करेगी काम एआई शिक्षिका….
शिक्षा क्षेत्र में एक अकल्पनीय बदलाव
केरल के तिरुवनंतपुरम में एक स्कूल ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षक रोबोट ‘आइरिस’ का उद्घाटन करके शिक्षा क्षेत्र में एक अकल्पनीय बदलाव किया है. Makerlab Education ने AI शिक्षक आइरिस को तैयार किया है. इस AI शिक्षिका को बनाने का लक्ष्य छात्रों के लिए पर्सनलाइज्ड और स्कूल के पारंपरिक पाठ्यक्रम को बदलना है. इससे छात्रों को ट्रेडिशनल पढ़ाई की जगह व्यक्तिगत शिक्षण का अनुभव मिलेगा.
India's first AI teacher 🤖, Iris, launched in Kerala school.#สุขุมวิท11 #ลางสังหรณ์ยังไม่ยอมจบ pic.twitter.com/JWtbSuXOx2
— Nikita Kumari (@nikitaakumarri) March 7, 2024
यह एआई टीजर आयरिस वॉयस असिस्टेंट फीचर से लैस है और इसकी इंटेरेक्टिव लर्निंग्स एक्टीविटीज़ छात्रों को इस शिक्षक से पढ़ने के लिए प्रेरित करती है. आइरिस अपने विद्यार्थियों को व्यक्तिगत रूप से शिक्षण सामग्री प्रदान करती है. किसी विषय को विस्तार से समझाती है और उनके सवालों के जवाब देती है. आइरिस नाम की यह आई टीचर क्लासरूम में आराम से घूम सकती है, छात्रों से हाथ मिला सकती है और हाथों से शिक्षण अभ्यास कर सकती है.
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पढाई के तरीके में होगा बड़ा बदलाव
एआई टीचर को लेकर दावा किया जा रहा है कि आइरिस बच्चों को पढाने और सीखने के लिए नए तरीके इजाद करने वाली है. साथ ही उन्हें नवीन तरीकों से प्रेरित करेगी. वहीं आइरिस को लेकर डेवलपर्स का कहना है कि, इससे एक ऐसा भविष्य शुरू हो रहा है जो पारंपरिक शिक्षण विधि को पूरी तरह से समर्थन करेगा. यह डीप-लर्निंग मॉडल की तरह काम करता है, जो जनरेटिव AI की मदद से अच्छी इमेज, लेख और पढ़ाई के अन्य सामग्री बना सकता है. आपको बता दें कि अगस्त 2023 में भारत का पहला AI स्कूल खुला था और केरल में ही AI शिक्षक पढ़ाना शुरू कर चुके हैं.