पुलवामा में शहीदों की 13वीं पर बदला लेकर सेना ने दी जवानों को श्रद्धांजलि
14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। आज शहीदों की तेहरवीं है। पुलवामा हमले के शहीदों की 13वीं पर भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला करके बदला ले लिया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों के अलावा खैबर पख्तुनख्वा के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ठिकाने पर भी बमों से हमला किया। इन हमलों में करीब 200 से 300 आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट हैं।
जो गलती की उसकी बहुत बड़ी कीमत
बालाकोट के आतंकी कैंप का मुखिया मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी था, जो कि जैश सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार है। गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि जन लोगों ने यह गलती की है उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमिटी की मीटिंग के बाद भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि हमारे पास विश्वसनीय सूचना थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के दूसरे हिस्सों में आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहा था और इसके लिए फिदायीनों को प्रशिक्षण दिए जा रहे थे ।
वायुसेना ने किया आतंकी कैंप पर हमला
उन्होंने कहा कि इस हमले को रोकने के लिए बालाकोट में जैश के सबसे बड़े कैंप पर हमला किया गया। यह आंतकी कैंप घने जंगलों में एक पहाड़ी पर था और यह आबादी वाले इलाके से काफी दूर है। उन्होंने बताया कि आतंकी कैंप पर हमले में इस बात का खास ख्याल रखा गया कि आम लोगों को कोई नुकसान न हो। विदेश सचिव ने बताया कि भारत अभी विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को 21 मिनट तक चले इस हमले में ध्वस्त कर दिया है। वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना की पश्चिमी कमांड ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया । पाकिस्तान को जब समझ आया कि भारतीय लड़ाकू विमान बमबारी कर रहे हैं तोपाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 ने शुरुआत में उड़ान तो भरी, लेकिन भारतीय वायुसेना के विमानों के बड़े फॉर्मेशन को जानने के बाद वह वापस लौट आए ।
20 साल से आतंकी साजिश रच रहा है
विदेश सचिव गोखले ने कहा कि जैश पाकिस्तान में पिछले 20 साल से आतंकी साजिश रच रहा है लेकिन पाकिस्तान उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘जैश सरगना मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है। जैश 2001 में भारतीय संसद पर आतंकवादी हमले और जनवरी 2016 में पठानकोट हमले में शामिल रहा है। पाकिस्तान को इस आतंकी संगठन के बारे में कई जानकारी दी गई थी। भारत जैश के खिलाफ कार्रवाई की लगातार मांग करता रहा है। बिना पाकिस्तान के संरक्षण के सैकड़ों जिहादी पैदा नहीं हो सकते हैं।’
विदेश सचिव ने बताया कि एक खुफिया जानकारी के बाद भारत ने एक नॉन मिलिटरी ऐक्शन की तैयारी की। उन्होंने कहा कि इसके बाद जैश के बालाकोट में हमला कर जैश के कैंप को तबाह कर दिया गया। इस हमले में जैश के कई बड़े आतंकी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और जिहादी मारे गए। इस कार्रवाई में इस बात का ख्याल रखा गया कि आम नागरिकों को इससे कोई नुकसान नहीं हो।
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