सवर्णों की लड़ाई लड़ेंगे राजा भैया !, जल्द होगी पार्टी की घोषणा

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प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने यूपी की राजधानी लखनऊ के कैण्ट स्थित आवास ‘रामायण’ में शुक्रवार को प्रेस वार्ता की। राजा भैया ने कहा की हमारी पार्टी नई जरूर है पर मुझे इस पर पूरा भरोसा है।

कहा कि 25 साल विधायक रहने के बाद कुछ करीबियों के मशवरे पर मैंने राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया है। अभी प्रक्रिया चल रही है इसमें दो महीने का समय लगेगा। लखनऊ में राजा भैया की ये पहली प्रेस वार्ता है।

राजा भैया ने कहा नई पार्टी बनाने से पहले जनता से रायशुमारी कराई थी। जिसमें करीब 80 फीसदी समर्थक चाहते हैं नई पार्टी बने। ‘समाज में परिवर्तन के लिए नया दल जरूरी’ है। यहां जितनी भी पार्टी है मै उनके साथ रहा सभी मुद्दे पर एक जैसी ही हैं इसलिए अपनी विचारधारा को जनता तक पहुंचाने के लिए पार्टी का गठन किया गया है।

एक्ट का न हो दुरुपयोग

राजा भैया ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट को मुद्दा बनाया गया है। एससी/एसटी एक्ट पर आज विधानसभा व संसद में बहस नहीं हो रही है। ऐसे में आम जनता को पता ही नहीं चल पाता है कि क्या हो रहा है। भारत का नागरिक होने पर संविधान में सभी को समानता का अधिकार दिया गया है। अगर कोई जघन्य अपराध करे तो उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए लेकिन किसी निर्दोष को सजा न मिले।

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उन्होंने कहा कि कानून में कहा गया है कि भले ही सौ अपराधी बच जाएं, लेकिन एक निर्दोष को सजा न मिले। एक बार आरक्षण का लाभ पाने वाले को आगे लाभ नहीं मिलना चाहिए। राजा भैया ने एससी/एसटी एक्ट मे गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा एससी/एसटी एक्ट को और जटिल किया गया है। ‘दलित और गैर दलित के बीच भेदभाव हो रहा’है। ‘हम जातीय आधार पर प्रमोशन के खिलाफ हैं। योग्यता प्रमोशन का आधार होना चाहिए। एससी/एसटी एक्ट सवर्णों पर तलवार की तरह है।

सवर्णों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उठाएंगे आवाज

राजा भैया ने कहा सभी पार्टी बस सवर्ण कार्ड खेल रही है। राजा भैया सवर्णों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उठाएंगे आवाज उठाने की बात कही। हमारी पार्टी नई है लेकिन भरोसा है। ‘हम अपने मुद्दों को लेकर जनता में जगह बनाएंगे। राजा भैया 30 नवंबर को लखनऊ में अपने सम्मान समारोह के दौरान अलग दल की घोषणा करेंगे।

हो सकता है नाम

राजा भैया की नई पार्टी का नाम जनसत्ता दल , जनसत्ता पार्टी और जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी इन तीन नाम मे से एक हो सकता है।

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