Independence Day: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों को सम्मानित करने को लेकर भारतीय सेना ने एक बड़ा एलान किया है. सेना ने बयान जारी कर बताया कि सेना के पूर्व कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. पंजाब के रहने वाले मनप्रीत जम्मू- कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.
सितम्बर 2023 में हुए थे शहीद…
समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक, मनप्रीत सिंह पिछले साल सितम्बर में जामु- कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. इसी पर सेना ने उन्हें इस स्वतंत्रता दिवस कीर्ति चक्र से सम्मानित करने का फैसला किया है. इतना ही नहीं इनके साथ कीर्ति चक्र पाने वाले में भारतीय सेना के दो राइफलमैन भी शामिल है.जिनके नाम रवि कुमार और मेजर एम नायडू है.
कौन है कर्नल मनप्रीत सिंह…
जानकारी के मुताबिक, मनप्रीत सिंह पंजाब के भरोजिंया गांव के निवासी थे. इनका पूरा परिवार चंडीगढ़ में रहता है. पत्नी और दो बच्चे हैं जिसमें एक बेटा और एक बेटी है.
मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा के शिक्षा विभाग में इकोनॉमिक्स लेक्चरर के पद पर कार्यरत हैं. सेना में मनप्रीत 17 साल तक सेवा दे चुके थे. इससे पहले उनके पिता भी सेना में ही थे और उनका भी देहांत हो चुका है.
राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित…
बता दें कि इन सभी को स्वतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी. कहा जा रहा है कि जब मनप्रीत जम्मू- कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ कर रहे थे तब वह राष्ट्रीय राइफल्स का नेतृत्व कर रहे थे. कर्नल मनप्रीत सिंह के अलावा राइफलमैन रवि कुमार और मेजर एम् नायडू को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगी.
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आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गई थी चार जवानों की जान
बता दें कि 13 सितंबर 2023 को अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके के गडोले में सेना और पुलिस के जवानों की मुठभेड़ आतंकवादियों के साथ हुई थी. इस घटना में सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट और सिपाही प्रदीप सिंह की जान गई थी. कर्नल मनप्रीत सिंह को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के लार्कीपोरा, जालडूरा और कोकरनाग के सबसे ज्यादा आतंकवाद प्रभावित इलाकों में एक हीरो के तौर पर याद किया जाता है. लोग उन्हें बहादुरी, नेतृत्व और निस्वार्थ बलिदान के प्रतीक के तौर पर याद करते हैं.