आईटीआर फाइलिंग बीच में छूटने पर अब आयकर विभाग दिलाएगा याद
आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को अब रिटर्न फाइलिंग पूरी नहीं होने पर आयकर विभाग की ओर से इस संबंध में सूचना मिल रही है. जिसमे आपको बताया जायेगा की आपका रेतुर्न किस स्टेज तक भरा जा चुका है. उदाहरण के लिए, यदि किसी करदाता ने साइट पर ऑनलाइन मोड में रिटर्न फाइल करना शुरू किया, लेकिन किसी कारणवश प्रक्रिया को बीच में छोड़ दिया है, तो उसे भेजी गई सूचना कुछ इस तरह होगी, “हमने ध्यान दिया कि आपका असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर अभी भी ड्राफ्ट फेज में है. कृपया आईटीआर पूरा करें, जमा करें और इसे ई-सत्यापित करें.”
Also Read: रिजर्व बैंक ने 0.35 फीसदी बढ़ाया रेपो रेट, कार, होम और पर्सनल लोन पर पड़ेगा असर
किसी व्यक्ति की आईटीआर फाइलिंग विभिन्न कारणों से बीच में रह सकती है. मसलन, व्यक्ति अपना रिटर्न फाइल करना भूल सकता है, या पर्याप्त जानकारी के अभाव में फाइलिंग प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ सकता है. इसके अलावा ऐसा भी होता है कि एक बार ड्यू डेट समाप्त हो जाने के बाद, लोग अपना आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लापरवाह हो जाते हैं.
किसे भरना जरुरी है आईटीआर…
जिस किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक वाले व्यक्ति के लिए आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है. (वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा 3 लाख रुपये और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये है) इसके अलावा यदि आपका कहीं टीडीएस कटा है तो भी आपको आयकर भरना होगा. भले ही इस सूरत में आपकी कुल आय निर्धारित छूट सीमा से कम ही क्यों न हो. कुछ छूटों के अलावा, अधिकांश करदाताओं को अपना आईटीआर नलाइन दाखिल करने की आवश्यकता होती है. ऑनलाइन आईटीआर दाखिल करने के लिए भी, करदाताओं को आयकर पोर्टल पर लॉग इन करने के बाद दो विकल्प मिलते हैं – आईटीआर यूटिलिटी फाइल को डाउनलोड करने के बाद भरकर अपलोड करने का विकल्प. दूसरे विकल्प में आप ऑनलाइन फाइलिंग विकल्प को चुनकर सीधे पोर्टल पर जानकारी मुहैया कराते हैं. आईटीआर को वैरिफाई करना भी जरूरी होता है.
Also Read: सोने-चांदी के भाव में गिरावट, गोल्ड आया 54,000 के निचे, जानें चांदी का भाव?
बता दें कि आप अपने आधार के ओटीपी का इस्तेमाल करके या फिर बैंक खाते, नेट बैंकिंग या डीमैट खाते के माध्यम से उत्पन्न ईवीसी का उपयोग करके आईटीआर को वैरिफाई कर सकते हैं. इसके अलावा डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) का उपयोग करके भी इसे वैरिफाई किया जा सकता है.