वाराणसी में एएसआई ने कोर्ट में दाखिल की 1500 पेज की ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट

रिपोर्ट तैयार कर दाखिल करने के लिए 35 दिन का समय

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वाराणसी में पांच महीने के लम्बे इंतजार और चार बार अतिरिक्त समय लेने के बाद सोमवार को जिला जज की अदालत में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 1500 से अधिक पेज की ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की. भारत सरकार के स्थायी अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव एएसआई की टीम के साथ रिपोर्ट दाखिल करने कचहरी पहुंचे थे. बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट पेश करने से पहले ही अदालत के आसपास पर्याप्त फोर्स की तैनाती रही. सर्वे रिपोर्ट पेश होने से पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका देकर एएसआई सर्वे रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करने और बिना हलफनामे के किसी को भी सार्वजनिक करने की इजाजत न देने की मांग की. दोपहर दो बजे के बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान एएसआई ने रिपोर्ट अदालत में पेश कर दी.

84 दिन चला सर्वे

गौरतलब है कि 21जुलाई को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिये जिला जज की अदालत ने एएसआई को आदेशित किया था. इस पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एएसआई ने सर्वे शुरू किया. चार अगस्त को सर्वे के लिए अदालत द्वारा तय की गयी समय सीमा समाप्त हो गयी. इसके बाद सरकार के स्थाई अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने चार अगस्त को सर्वे की समय सीमा आठ सप्ताह बढ़ाने की मोहलत मांगी. इस पर अदालत ने चार सप्ताह का समय बढ़ा दिया. दो सितम्बर को एएसआई के अधिवक्ता ने पुनः मय सीमा बढाने की मांग की तो चार सितम्बर को मुस्लिम पक्षकार ने आपत्ति की. छह सितम्बर को दोनों पक्षों को सुनकर अदालत ने एक बार फिर आठ सितम्बर को कोर्ट ने सर्वे की समय सीमा बढ़ाने का आदेश दिया. इसके बाद छह अक्टूबर को इसकी भी समय सीमा समाप्त हो रही थी. इससे पहले चार अक्टूबर को फिर समय सीमा बढ़ाने की अदालत से मांग की गई. इस पर पांच अक्टूबर को अंतिम बार चार सप्ताह के लिए समय बढ़ाई गई. इस तरह से 84 दिन सर्वे की कार्यवाही चली.

वैज्ञानिक विधि से जांच

दो नवम्बर को एएसआई के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सर्वे समाप्त हो गया है, लेकिन रिपोर्ट तैयार करने के लिये पन्द्रह दिन का समय चाहिए. फिर 17 नवम्बर को रिपोर्ट दाखिल नही की गयी और फिर समय मांगा गया. अदालत ने 30 नवम्बर को दस दिन का समय दिया. इस तरह से एएसआई ने रिपोर्ट तैयार कर दाखिल करने के लिए 35 दिन का समय लिया. दस दिसम्बर को रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गयी. तब एएसआई ने अदालत को बताया कि रिपोर्ट तैयार थी मगर वरिष्ठ अधिकारी की अस्वस्थता के कारण दाखिल नही हो सकी. लिहाजा कोर्ट ने 18 दिसम्बर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. बता दें कि ज्ञानवापी मामले में अब तक दो कमीशन सर्वे रिपोर्ट दाखिल हो चुकी है. सामान्य सर्वे रिपोर्ट आखो से देखकर तैयार की गयी थी और इस बार वैज्ञानिक विधि से जांच की गई हैं. सबकी निगाहें एएसआई सर्वे रिपोर्ट पर लगी है क्योंकि यह रिपोर्ट दशकों से चल रहे श्रीकाशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी से जुड़े मामले में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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