अपने घर पर लहराना चाहते है तिरंगा, तो इन नियमों का रखें ध्यान, वरना हो सकती है जेल …

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Har Ghar Tiranga 2023: हर घर तिरंगा अभियान के तहत साल 2022 से स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले से ही देश के हर घर पर तिरंगा लगाए जाने की अपील की गयी थी, जिसके बाद विविधता भरे हमारे देश के हर हिस्से में लोगों ने बढ – चढकर इस अभियान में हिस्सेदारी निभाते हुए , अपनी – अपनी छतों पर तिरंगा लहराया था । पीएम की अपील पर लोगों ने अपने घर लगे तिरंगे के साथ फोटो और वीडियो लगाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था ।

इसी प्रकार इस साल भी लोग उस अभियान से प्रभावित होकर बिना आदेश के ही स्वतंत्रता दिवस से पहले ही अपने घरों पर तिरंगा लगा रहे है । लेकिन क्या आपको मालूम है देशभक्ति का यह प्रदर्शन आपकी मुश्किलें भी बढा सकता है, अगर नहीं पता है तो आपको बता दें कि, घर पर तिरंगा लहराने को लेकर कुछ कायदे – कानून बनाए गये है । उन नियमों का उल्लघंन करने पर आपको जेल भी हो सकती है ।

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आपको बता दें कि, हर घर तिरंगा अभियान के साथ तिरंगा हर घर पहुंच तो गया है, लेकिन तिरंगे की गरिमा को बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा तिरंगे को लहराने के नियम बनाए है । इसलिए घर पर तिरंगा लगाने के साथ इन नियमों का पालन अवश्य करना है । इसके लिए हमारे संविधान में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम के एक कानून में तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। तो आइए जानते है घर पर तिरंगा लहराने के लिए किन किन नियमों का पालन करना आवश्यक है …

राष्ट्रध्वज फहराने के ये है नियम

1. खुले में 24 घंटे तक तिरंगा फहरा सकते हैं। जहां भी तिरंगा फहराया जाएगा, उसे पूरे सम्मान के साथ फहराएं। तिरंगे को पानी में नहीं भिगोना है, न ही किसी भी प्रकार इसे क्षति पहुंचानी है।

2. पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन अब हाथ या मशीन से बना हुआ कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना तिरंगा भी अपने घर पर फहराया जा सकता है।

3. सरकार ने तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दे दी। अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।

4. झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए।

5. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।

6. अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

7. तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए।

8. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।

9. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए।

10. किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते। जब किसी अन्य झंडे के साथ फहरा रहे हों, यह ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगे की ऊंचाई सबसे ऊपर हो।

11. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

12. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।

13. झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए।

14. तिरंगे को अपने पास पूरे सम्मान के साथ तह लगाकर रखना है। न फेंकना है न ही क्षति पहुंचानी है।

15. तिरंगा समय के साथ हवा से या किसी अन्य कारण गंदा हो जाए या फट जाए तो ऐसी स्थिति में निस्तारण बहुत ही सावधानी से करना है-

ऐसे करें ध्वज का निस्तारण

1.राष्ट्रीय ध्वज के निस्तारण लिए दो तरीको बनाए गये है, पहला दफन करना और दूसरा जलाना देना ।

2.राष्ट्रीय ध्वज के बेहद गंदे या किसी कारण फट जाने पर उसे दफन करने के लिए लकड़ी का ही बॉक्स लेना होगा। इसमें तिरंगे को सम्मानपूर्वक तह लगाकर रखना होगा। इसके बाद किसी साफ जमीन में दफन करना होगा, इसके पश्चात दो मिनट का मौन रखकर खड़े होना होगा ।

3. दूसरा तरीका जलाने की है। इसके लिए साफ स्थान पर लकड़ी रखकर उसमें आग लगानी होगी। अग्नि के मध्य में इसे सम्मानपूर्वक तह लगाकर डालना होगा। किनारे से नहीं। नियम इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व है।

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16. गाड़ियों में कौन लगा सकता है तिरंगा ?

वैसे तो किसी भी गाड़ी में तिरंगा लगाने की अनुमति नहीं दी गयी है । लेकिन इसके पश्चात की कुछ विशिष्ट लोगो के वाहनों के अलावा कोई भी तिरंगे को गाडी में नहीं लगा सकता है ।

इन पदाधिकारियों में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, राज्यमंत्री. लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उप सभापति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, हाईकोर्ट के जज इत्यादि की गाडियों में ही तिरंगा लगाने की अनुमति दी गयी है ।

 

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