अब गांव-गांव और घर-घर होगी कोरोना संक्रमण की जांच

देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई दूसरे चरण में पहुंच चुकी है

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नयी दिल्ली: ज्ञात हुआ है कि केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण की जांच हर घर House to house में करने का निश्चय किया है। इस निमित्त उसने अगले दौर की लड़ाई की रूपरेखा तैयार कर ली है। देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई दूसरे चरण में पहुंच चुकी है।

लगभग स्पष्ट कर दिया गया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के दूसरे चरण में हर गांव और House to house की तलाशी होगी और संभावित मरीजों की पहचान कर उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी। इस चरण में छोटे-छोटे इलाकों पर फोकस होगा और गहन तलाशी होगी। इसके तहत यह होगा कि संक्रमण का खतरा भांपते ही इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा और लॉकडाउन में लेकर सघन जांच व सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। बाकी इलाके मुक्त रखे जायेंगे।

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एक झलक प्रेस ब्रीफिंग में दिखाई गई

एक झलक आज प्रेस ब्रीफिंग में दिखाई गई। अगले चरण की रणनीति के तहत छोटे शहरों, कस्बों और गांवों के अंदर संभावित संक्रमितों की पहचान करे उनके संपर्क में आने वालों की तलाश से लेकर उनके इलाज तक की पुख्ता व्यवस्था का इंतजाम किया जाना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अब गांव-गांव में कंटेनमेंट जोन की पहचान की जाएगी और स्पेशल टीमें बनाकर घर-घर House to house की जांच की जाएगी।

अब छोटे-छोटे इलाके घोषित होंगे कंटेनमेंट जोन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब लड़ाई चेन ऑफ ट्रांसमिसन को ब्लॉक करने की है। इसके लिए हर संभावित संक्रमित और उसके संपर्क में कौन-कौन आया, उन सभी का पता लगाने का अभियान छेड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के मरीज किन-किन इलाकों में हैं, उसका विश्लेषण किया जाएगा। सोची-समझी रणनीति बनाकर जहां केस आए हैं, वहां कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा सकते हैं। इनमें कोई आवासीय कॉलोनी, मोहल्ला, म्यूनिसिपल वॉर्ड, पुलिस स्टेशन एरिया, निगम क्षेत्र या पूरा शहर आ सकता है।’

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गांव-गांव, House to house तलाशी अभियान

उन्होंने गांवों के लिए तैयार रणनीति का खुलासा करते हुए कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में कोई गांव या कुछ गांवों का समूह या थाना क्षेत्र, ग्राम पंचायत या प्रखंड, इस तरह के इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करना होगा। इसके साथ ही, हर कंटेनमेंट जोन में एक बफर जोन भी बनाना होगा ताकि इलाके की गतिविधियों और जरूरतों पर नजर रखी जा सके।’ उन्होंने कहा कि बफर जोन में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

स्पेशल टीम के जिम्मे बड़ा काम

अग्रवाल ने कहा कि वायरस से संक्रमण की रोकथाम और संक्रमितों की पहचान के लिए कठोर मानदंड लागू करने के साथ स्पेशल टीम भी बनानी होगी जो कंटेनमेंट जोन में House to house जाकर जांच करेगी। उन्होंने बताया, ‘स्पेशल टीम सभी केस की सक्रियता से जांच करे। उनका फोकस इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और सांस से संबंधी गंभीर बीमारियों (SARI) के लक्षण वाले लोगों का पता लगाना हो और उनकी सैंपलिंग की जाए, सारे कॉन्टैक्ट्स ट्रेस किए जाएं और फिर उनका क्लीनिकल मैनेजमेंट हो।’

अभी देश की क्या स्थिति

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोविड-19 के कुल 35,043 केस हैं। इनमें 25,007 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 8,889 मरीज ठीक हो चुके हैं। अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 564 मरीज ठीक हुए हैं। हालांकि, अब तक कुल 1,147 कोविड मरीजों की जान चली गई है।

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