हॉलिडे होमवर्क बनी कुप्रथा, कॉपी-पेन लेकर धरने पर बैठा छात्र बोला- ‘छुट्टी का मतलब छुट्टी…’
लखनऊ : साल भर नियमित विद्यालय जाने के बाद छात्रों को हॉलिडे वेकेशन दिया जाता है। इस अंतराल में छात्र मांसिक तनाव से दूर रहता है और स्कूली शिक्षा के बाहर नई चीजें सीखता है। छात्रों को अवकाश इसलिए भी आवश्यक है जिससे वह रोजाना के किताबों के भार से ब्रेक ले सकें। ताकि छात्र नये सत्र में फिर से नई ऊर्जा के साथ शिक्षण कार्य प्रारंभ कर सकें। लेकिन वर्तमान शैक्षणिक संस्थानों में हॉलिडे वैकेशन में भी छात्रों को बैग भर के होमवर्क थमा दिया जाता है। छात्रों की छुट्टियां तो खत्म हो जाती हैं, लेकिन होमवर्क नहीं खत्म होता। अब विद्यालयों में अधिक होमवर्क देना कुप्रथा बनती जा रही है। रविवार को इसी कुप्रथा से तंग आकर राजस्थान के एक छात्र ने आवाज उठाई है। वह कॉपी-पेन लेकर कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंच गया।
‘छुट्टी का मतलब छुट्टी… छुट्टी में भी हम होमवर्क करें तो साल के 365 दिन में हमारे लिए कोई छुट्टी है ही नहीं। हॉलिडे होमवर्क एक कुप्रथा है, यह बचपन पर कलंक है।’ – प्रांजल (9वी छात्र)
राजस्थान के झुंझुनू जिले के केंद्रीय विद्यालय में 9वीं क्लास के छात्र ने हॉलिडे होमवर्क का विरोध करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। छात्र प्रांजल रविवार के दिन कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गया और वहीं टेबल चेयर लगाकर हॉलिडे होमवर्क करने लगा। प्रांजल ने बताया कि होलिडे होमवर्क बच्चे के मूल अधिकार का उल्लघंन है।
हॉलिडे में हर रविवार 2 घंटे धरना दूंगा – प्रांजल
छात्र प्रांजल ने कहा कि बड़ों की तरह बच्चों को भी छुट्टी मिलने का अधिकार है। छुट्टी के नाम पर इतना सारा होमवर्क देकर छात्रों के लिए छुट्टियां ही सजा लगती है। उसने कहा कि छुट्टियों में दिए जाने वाले होमवर्क के विरोध में वह प्रत्येक रविवार सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक कलेक्ट्रेट के सामने धरना देगा। धरने पर ही वह अपना हॉलिडे होमवर्क करते हुए अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करेगा।
दोपहर 12 बजे तक धरने पर ही किया होमवर्क
प्रांजल दोपहर 12 बजे तक धरने पर बैठा और होमवर्क किया। प्रांजल झुंझुनूं के केंद्रीय विद्यालय का स्टूडेंट है। धरने के दौरान उसने जिला कलेक्टर को हॉलिडे होमवर्क बंद करने की मांग को लेकर पत्र सौंपा। प्रांजल की मां अनामिका ने भी उसका साथ देते हुए कहा कि चाहे बड़े हों या बच्चे, अवकाश का अर्थ और महत्व सभी के लिए समान है।
होमवर्क से खत्म हो रही अन्य रुचियां – प्रांजल
प्रांजल ने कहा- अवकाश के दिनों में भी होमवर्क के चलते अन्य रुचियां खत्म हो रही हैं। अवकाश में भी मैं अपनी रुचि का काम करने के बजाए स्कूल का होमवर्क, प्रोजेक्ट, मॉडल, फाइल आदि बनाता रहता हूं।
स्वस्थ रहने के लिए छुट्टी जरूरी – प्रांजल
प्रांजल का कहना है कि स्वस्थ जीवन के लिए अवकाश जरूरी है। अवकाश शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। ताकि बच्चे खेल सकें। अपनी अभिरुचि में पार्टिसिपेट कर सकें। इससे बच्चों का सही विकास होगा।
छात्र की मां ने दिया बेटे का साथ
प्रांजल की मां अनामिका ने कहा- ग्रीष्म अवकाश होमवर्क की समाप्ति के लिए प्रांजल लगातार दो साल से कलेक्टर व अध्यक्ष, केंद्रीय विद्यालय, झुंझुनूं के प्राचार्य व केंद्रीय विद्यालय संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारियों को पत्र लिख रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रांजल जिला कलेक्टर, एसपी और केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य समेत अन्य अधिकारियों को हॉलिडे होमवर्क के विरोध में पत्र लिख चुका है। लेकिन अभी तक उसकी मांग नहीं मानी गई है।
बड़ों की तरह छात्रों को भी छुट्टी का अधिकार – मां
उन्होंने कहा कि बड़े लोग तो अपना अवकाश मनाते हैं। जबकि, बच्चों को अवकाश में भी ढेर सारा होमवर्क करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षण संस्थान संस्थानों से जुड़े लोग नकारात्मक विचारधारा रखते हैं। अवकाश हो या स्कूल टाइम, वे लोग बच्चे को सिर्फ पढ़ते हुए देखना चाहते हैं। हॉलिडे पर भी पढ़ो-पढ़ो की रट अभिभावक व शिक्षण संस्थान लगाए रहते हैं। बच्चे लगातार तनाव में रहते हैं। इसलिए आत्महत्या के केस बढ़ रहे हैं। कोई नहीं समझना चाहता कि बच्चे क्या चाहते हैं।
स्टूडेंट्स को पूर्ण अवकाश इसलिए है जरूरी
वैज्ञानिकों के अनुसार भी न केवल छात्रों के लिए बल्कि सभी के लिए अवकाश जरूरी है। हम सभी इंसान हैं और हमें एक नियमित ब्रेक की जरूरत है ताकि हम और अधिक उत्साह के साथ काम पर वापस जाने की भावना पैदा कर सकें। कभी-कभी हमें लगता है कि काम पर नहीं जाना चाहिए, यही वह समय है जब किसी को ब्रेक के लिए जाना चाहिए। जीवन केवल काम करने, पैसा कमाने और मरने के बारे में नहीं है। जितना हो सके दुनिया को एक्सप्लोर करें। यहां तक कि यात्री भी घर में शांति से बैठने के लिए अपने काम से छुट्टी ले लेते हैं।
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