पुलिस ने महिला को निर्वस्त्र कर पीटा, आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
महिलाओं के साथ हैवानियत की वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा सरकार में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसका कारण कुछ और नहीं पुलिस प्रशासन खुद ही है। गुरुग्राम में पुलिस की शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है कि कथित तौर पर डीएलएफ फेज 1 थाने में घरेलू महिला सहायिका को थाने में बंद कर निर्वस्त्र कर पीटा गया। मामला सामने आने के बाद पुलिस आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं।
बताते चलें कि पीड़िता महिला असम की निवासिनी है। वह डीएलएफ फेज 1 इलाके में एक बंगले में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करके खर्च चलाती है। गत मंगलवार को महिला के नियोक्ताओं ने उस पर चोरी का आरोप लगा दिया। इसके बाद पुलिस महिला को उठा ले गई। जांच अधिकारी मधुबाला ने महिला को थाने बुलवाया था। यहां महिला को एक कमरे में बंद करके पुलिस ने निर्वस्त्र कर दिया और बेरहमी से पिटाई की।
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आरोप है कि पुलिस ने महिला से जबरन अपराध कबूल करने को कहा। हालांकि, महिला ने चोरी नहीं की थी, इसलिए गुनाह कबूल नहीं किया। पीड़िता महिला के पति का आरोप है कि पुलिस ने प्राइवेट पार्ट को भी चोट पहुंचाया। घटना के विरोध में पूर्वोत्तर के लोगों ने बुधवार को गुड़गांव के पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील के कार्यालय के बाहर धरना दिया। वहीं, आयुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चार आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर, विभागीय जांच के आदेश दिए है।
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