रेप के आरोपी गायत्री कैसे 5 साल में बन गए अरबपति..जानें पूरी कहानी
सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को पॉक्सो कोर्ट से जमानत मिल गई। गायत्री के साथ-साथ उनके दो साथी पिंटू और विकास नाम के आरोपियों को भी कोर्ट ने एक लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति मुलायम के बेहद करीबी माने जाते हैं। क्योंकि साल 2016 में गायत्री की पार्टी से बर्खास्तगी की वजह से पार्टी के अंदर जो भूचाल आया उससे कोई भी अनजान नहीं हैं।
दरअसल गायत्री प्रजापति पर एक महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया था। जिसमें महिला का आरोप था कि गायत्री ने उसे प्लॉट दिलाने के नाम पर उसके साथ रेप किया था। और साथ ही वीडियो क्लिप बनाकर उसे ब्लैकमेल कर रहे थे।
जिसमें सूबे की सत्ता बदलते ही गायत्री पर शिकंजा कसने लगा और गायत्री को गिरफ्तार कर लिया गया। आप को बताते हैं गायत्री कैसे इतनी जल्दी फर्श से अर्श पर पहुंच गए-अखिलेश सरकार के सबसे विवादस्पद मंत्रियों में शुमार गायत्री प्रसाद प्रजापति साल 2002 तक गरीबी रेखा के नीचे आते थे। साल 2012 में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1.83 करोड़ रुपये बताई थी।
साल 2009-10 में उनकी सालाना आय 3.71 लाख रुपये थी। लेकिन वही गायत्री प्रसाद प्रजापति अब बीएमडब्लू जैसी लग्जरी कार से चलते हैं। गायत्री प्रजापति के परिजनों और उनके करीबियों के स्वामित्व में 13 कंपनियों का भी आरोप हैं, जिनमें उनके दोनों बेटे, भाई और भतीजे को डायरेक्टर बताया गया है।
महज एक साल में गायत्री के हुए तीन प्रमोशन
आरोप लगाया जाता है कि बतौर खनन मंत्री गायत्री ने अकूत संपत्ति एकत्र कर ली। इसी बीच हाई कोर्ट ने खनन विभाग में अनिमियताओं को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दे दिए, तो अखिलेश सरकार और गायत्री दोनों को जोरदार झटका लगा। 12 सितंबर, 2016 को पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने गायत्री को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया। इसे बाद हुए सियासी ड्रामे के बाद अखिलेश सरकार ने उनको फिर से मंत्रीमंडल में शामिल कर लिया। इस बार उनको फिर परिवहन मंत्रालय की कमान दे दी गई।
केस दर्ज होने के बाद से फरार हो गए गायत्री
यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान गायत्री प्रजापति एक बार फिर तब सुर्खियों में आए, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन पर रेप का केस दर्ज करने का यूपी पुलिस को आदेश दिया। इसके बाद से गायत्री फरार चल रहे थे। उनकी तलाश में यूपी पुलिस भटक रही थी। कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376डी, 511, 504, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज किया था।
गैंगरेप कर अश्लील वीडियो बनाने का आरोप
रेप पीड़िता के मुताबिक, साल 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलाने के बहाने गायत्री प्रजापति ने उसे लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर बुलाया। वहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया। इसके बाद वह होश खो बैठी। बेहोशी की हालत में मंत्री और उसके सहयोगी ने गैंगरेप किया था। इसका अश्लील वीडियो बनाया था। इसी अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए गायत्री और उनके सहयोगी 2016 तक उसे और उसकी बेटी को हवस का शिकार बनाते रहे। 7 अक्टूबर 2016 को उसने थाने में इसकी शिकायत की थी।
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साल 2014-2015 के बीच गायत्री प्रजापति और उनके परिवार के नाम पर कई कंपनियां रजिस्टर हुई हैं। गायत्री के सगे-संबंधियों के नाम से दर्ज एक दर्जन से अधिक कंपनियों का ब्यौरा दिया गया है। इनके दफ्तर बेशक एक कमरे में हो, लेकिन सालाना टर्नओवर करोड़ों रुपये में है। इनमें से अधिकतर कंपनियों के डायरेक्टर गायत्री के बेटे अनिल और अनुराग प्रजापति हैं। उनके खनन मंत्री रहने के दौरान बनाई गई इन कंपनियों के द्वारा ही करोड़ों रुपयों का लेनदेन किया गया था। कई कंपनियों में तो गायत्री के रिश्तेदार, ड्राईवर और नौकर तक डायरेक्टर हैं।
कंपनी का नाम: कांहा बिल्डवैल प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: आनंद मिश्रा और सतरोहन सिंह
टर्नओवर: 20 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: मग्स एंटरप्राजेज प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: अनिल प्रजापति और अनुराग प्रजापति
टर्नओवर: 56 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: एमजीए हासपिटैलिटी सर्विसज प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: अनिल प्रजापति और अनुराग प्रजापति
टर्नओवर: 34 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: दया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: आनंद कुमार मिश्रा और सतरोहन सिंह
टर्नओवर: 14 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: नवदृष्टी टेक्नोलॉजी सल्यूशन्स
डायरेक्टर के नाम: दयाशंकर भगवती पटवा, रमेश भगवती पटवा, अनिल प्रजापति, अनुराग प्रजापति और हरीश रामचंद्र गोनियाल
कंपनी का नाम: एक्सल बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: आनंद कुमार मिश्रा और सतरोहन सिंह
कंपनी का नाम: लाइफक्योर मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: आनंद कुमार मिश्रा और सतरोहन सिंह
कंपनी का नाम: सहयोग बिल्डमेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चरडायरेक्टर के नाम: अनिल प्रजापति, अनुराग प्रजापति, दयाशंकर भगवती पटवा, रमेश भगवती पटवा, उमाशंकर भगवती पटवा और संदीप उमाशंकर पटवा. टर्नओवर: 50 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: एमजीएम एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: अनिल कुमार प्रजापति और अनुराग प्रजापति
टर्नओवर: 43 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: डीसेंट कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: पवन जैन, समीर जैन और सतरोहन सिंह
टर्नओवर: 21 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: शुभंग एक्सपोर्ट्स लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: ब्रह्मा नंद शर्मा, आनंद कुमार मिश्रा और सतरोहन सिंह
टर्नओवर: 10.5 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: एमएसजी रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: अनिल कुमार प्रजापति और अनुराग प्रजापति
टर्नओवर: 42 करोड़ रुपये
कंपनी का नाम: एमएसए इंफ्रा वैंचर प्राइवेट लिमिटेड
डायरेक्टर के नाम: अनिल प्रजापति और अनुराग प्रजापति
टर्नओवर: 61 करोड़ रुपये