यूपी के इस जेल का मनोहर है नजारा, कैदियों के लिए की गई यह खास व्यवस्था

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जेल को धरती का नरक माना जाता है, लेकिन गौतमबुद्धनगर का जिला कारागार कुछ अलग है। यहां कोरोना काल में लुकसर स्थित जिला कारागार में एक स्वप्निल उपवन तैयार किया गया है। इससे कारागार का वातावरण बेहद शांतिदायक और मनमोहक हो गया है। इस खूबसूरत काम में सजायाफ्ता बंदियों ने भी योगदान दिया।

इस उपवन में एक तालाब भी है जिसमें खूबसूरत पक्षी को रखा गया है। यहां बत्तख और कबूतरों के जोड़े दिनभर घूमते रहते हैं। इसे एक खास मकसद से बनाया गया है। मकसद कैदियों को अवसाद से मुक्ति के साथ सुकून दिलाना। बंदियों को इस खूबसूरत उपवन में लाकर उनकी मानसिक स्थिति बदलने का प्रयास किया जाएगा।

कारागार में बत्तख और कबूतर-

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कारागार के आलाधिकारियों का कहना है कि जेल केवल बंदियों को कैद करने के लिए नहीं होता, बल्कि यहां रखकर उनमें सुधार लाने का प्रयास भी किया जाता है। जेल प्रबंधन भी इसी का प्रयास करता रहता है। इसी कड़ी में जिला कारागार के कंट्रोल रूम के सामने एक बड़े क्षेत्र में उपवन बनाया गया है। इसमें तालाब भी है और यहां खूबसूरत पक्षी को रखा गया है। बतख और कबूतरों के जोड़े दिनभर घूमते रहते हैं।

जिला कारागार में बनाए गए खूबसूरत उपवन में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जब सूर्य गौतमबुद्ध की प्रतिमा के आसपास होता है। यह नजारा बेहद मनोरम होता है। सूर्य की किरणें जब तालाब में पड़ती हैं तो आंखों के सामने अद्भुत नजारा दिखाई देता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है।

महात्मा गांधी और गौतमबुद्ध से मिलती प्रेरणा-

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जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि कारागार को गांधी और बौद्ध दर्शन दो भागों में बांटा गया है। यहां बंदियों के लिए सत्संग और पढ़ाई आदि की सुविधा है। इसके अलावा एलईडी और फ​र्नीचर बनाना व कपड़े की सिलाई जैसे कामों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। दो साल पहले किरण बेदी के एनजीओ द्वारा यहां धुन म्यूजिक प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी।

विपिन मिश्रा
विपिन मिश्रा

इसके अंतर्गत प्रशिक्षण ले रहे कैदियों को छोटे पर्दे पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। यहां लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है। इसके अलावा समय-समय पर खेल, योग जैसे शारीरिक गतिविधियों का भी अयोजन किया जाता है। इसमें महिला बंदी व कैदी भी हिस्सा लेती हैं।

इन्हें जाता है श्रेय-

विपिन मिश्रा
विपिन मिश्रा

इसका पूरा श्रेय नोएडा जेल के अधीक्षक विपिन मिश्र और जेलर सत्य प्रकाश को जाता है। ये जेल जैसी जगह को भी शांतिदायक मनमोहक वातावरण बनाने का माद्दा रखते हैं।

सत्य प्रकाश
सत्य प्रकाश

जेल में बंदी उन्हें देवतुल्य आदर देते है हालांकि विपिन मिश्रा और सत्य प्रकाश भी एक एक कैदी को समक्ष बुलाकर उनकी समस्याओं को सुनते हैं और उनका निवारण करते है। यही वजह है कि जेल में कैदी भी उन्हें ​अभिभावक की तरह मानते है।

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