SSP की ‘अग्निपरीक्षा’ पास कर बन गए थानेदार

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यूपी में थानेदारी के लिए एसएसपी के ओर से तय किए गए सवालों के जवाब 64 में से केवल छह निरीक्षक दे पाए। शुक्रवार को करवाई गई परीक्षा का परिणाम रविवार को कमिटी ने घोषित कर दिया। इसमें ए ग्रेड पाने वाले पांच निरीक्षकों को थानों का इंचार्ज बनाया गया, जबकि दंड के तौर पर निलंबन होने की वजह से परीक्षा पास करने वाले एक निरीक्षक को प्रभारियों की लाइन से बाहर कर दिया गया। चार्ज पाने वाले नए थानेदारों में एक महिला अफसर भी शामिल है।

प्रभारी का चार्ज देने की व्यवस्था मे पारदर्शिता

प्रभारी का चार्ज देने की व्यवस्था मे पारदर्शिता लाने के लिए एसएसपी दीपक कुमार ने राजधानी लखनऊ में पहली बार यह प्रयोग शुरू किया है। इसमें एक कमिटी बनाई गई जो चार्ज पाने की योग्यता रखने वाले निरीक्षकों का हर महीने लिखित और मौखिक परीक्षा लेगी। इसमें ए ग्रेड पाने वाले निरीक्षकों को ही चार्ज दिया जाएगा।

64 निरीक्षकों की शुक्रवार को परीक्षा करवाई गई थी

पहले चरण में बाहरी जिलों से स्थानांतरित होकर आए 64 निरीक्षकों की शुक्रवार को परीक्षा करवाई गई थी। रविवार को कमिटी ने इसका परिणाम घोषित किया जिसमें छह निरीक्षक ए ग्रेड हासिल कर पाए। इन्हें तत्काल थानों का प्रभार सौंप दिया गया है। उनकी जगह पर पहले से तैनात थानेदारों को दूसरे थानों या पुलिस लाइंस में ट्रांसफर कर दिया गया है। इसमें अजय कुमार यादव को अलीगंज, जितेंद्र प्रताप सिंह को आशियाना, रंजना सचान कैंट, देवी प्रसाद तिवारी गोमतीनगर और संजय कुमार को काकोरी का चार्ज दिया गया है। कमिटी के अफसरों का कहना है कि रिजल्ट में ऊपर के क्रम से टॉप के पांच निरीक्षकों को प्रभारी बनाया गया है।

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पहली बार बिना जुगाड़ के मिला थाना

एसएसपी के इस प्रयोग की पहली कड़ी बनने वाले निरीक्षकों ने इस व्यवस्था को काफी सराहनीय बताया। 15 दिन पहले सीतापुर से ट्रांसफर होकर आई रंजना सचान ने बताया कि पुलिस विभाग के अंदर की व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। छोटे जिलों में थाने का चार्ज पाने के लिए जन प्रतिनिधियों की पैरोकारी या बड़े अफसरों से जुगाड़ लगाना पड़ता है। उम्मीद नहीं थी कि राजधानी में इतनी जल्दी और आसानी से थाने का चार्ज मिल सकता है।

जुगाड़ से नहीं चलेगा काम

गोमतीनगर थाने का चार्ज पाने वाले देवी प्रसाद तिवारी ने बताया कि इस व्यवस्था से एक पुलिस अफसर को खुद का मूल्यांकन करने का भी मौका मिलेगा। जुगाड़ के दम पर नौकरी करने वाले अफसरों को काबलियत का मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार करना पड़ेगा, जिसका कानून व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

योग्यता वाले लोग ही होंगे थानेदार

वहीं, एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि निष्पक्षता से चार्ज देने के लिए शुरू की गई व्यवस्था में आगे और भी प्रयोग किए जाएंगे। कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए थानेदारों में प्रतिस्पर्धा होनी जरूरी है। योग्यता के आधार पर प्रभारियों का चयन होने से सबकों अपने भीतर काबलियत लानी पड़ेगी।

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