बुंदेलखंड में 2 किसानों ने की खुदकुशी

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मध्य प्रदेश में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर किसानों की आत्महत्या का सिलसिला बुंदेलखंड (Bundelkhand) में भी शुरू हो गया है। इस इलाके में बुधवार को दो किसानों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस तरह राज्य में 10 दिन में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 17 हो गई है।

पुलिस के मुताबिक, बुधवार दोपहर को खिमलासा थाने के बसहरी निवासी गुलई कुर्मी (50) ने सूदखोर से परेशान होकर महुए के पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। वह सुसाइड नोट भी छोड़ गया है, जिसमें सूदखोर से कर्ज और उसके द्वारा परेशान किए जाने का जिक्र है।

बीना क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस (एसडीओ,पी) आर एस परमार ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि गुलई नामक किसान अपने घर से खेत के लिए निकला था और रास्ते के खेत में महुए के पेड़ से लटककर जान दे दी।

किसान के घर से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने सूदखोर से एक लाख का कर्ज लेने और रकम लौटाने के बाद भी उससे रकम मांगे जाने का जिक्र किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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वहीं छतरपुर जिले के सिविल लाईन थाना क्षेत्र में महेश तिवारी (75) ने बुधवार की शाम को फांसी लगाकर जान दे दी। मूल रूप से लवकुशनगर निवासी तिवारी अपने परिवार के साथ यहां रहता था। परिजनों का कहना है कि कर्ज से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।

वहीं थाना प्रभारी अरविंद कुजूर ने गुरुवार को बताया कि महेश तिवारी बीमारी से परेशान था और उसने पड़ोस के खंडहर में बदल चुके मकान में जाकर फांसी लगा ली।

राज्य में बीते 10 दिनों में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 17 हो गई है। वहीं एक से 10 जून तक चले किसान आंदोलन के दौरान छह जून को पुलिस की गोली से पांच और पिटाई से एक किसान की मौत हुई थी।

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