युद्ध की स्थिति के लिये पहले से तैयार रहे यूरोप – पोलैंड पीएम

0

रूस का यूक्रेन पर हमले के बाद से ही युरोप में तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनल्ड टस्क ने चेतावनी दी है कि “यूरोप युद्ध से ठीक पहले” की स्थिति में है और पूरे महाद्वीप की भलाई के लिए यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस को किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देना चाहिए.

Also Read : कच्चातिवु द्वीप विवाद: विदेश मंत्री ने कांग्रेस-डीएमके पर साधा निशाना

रूस लगातार यूक्रेन में कर रहा बमबारी

गुरुवार को रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा केंद्रों पर भारी हमला किया. वहीं शनिवार-रविवार की रात के दौरान 16 मिसाइलें दागी गईं. साथ ही 11 ड्रोन से हमला बोला गया. इस दौरान लंबी दूरी की मिसाइलों का प्रयोग किया गया. लगातार हो रहे हमले के बाद डोनल्ड टस्क ने यह बयान दिया है.
यूक्रेन के लिए टस्क ने आपात सैन्य सहायता की अपील की. पीएम टस्क ने चेतावनी दी कि अगर यह युद्ध और आगे बढ़ा तो अगले दो साल का युद्ध, भविष्य तय करेगा. उन्होंने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से युरोप सबसे बड़े संकट में है.

रूस से पोलैंड नागरिक करते हैं सबसे अधिक नफरत

रूस के बारे में Pew रिसर्च सेंटर के एक सर्वे में यह पाया गया कि पोलैंड के लोगों में रूस के प्रति सबसे अधिक नफरत है. पोलैंड में 98 प्रतिशत लोग रूस के लिये अच्छी सोच नहीं रखते हैं. वहीं इसके बाद स्वीडन देश का नम्बर आता है जहां 96 प्रतिशत आबादी रूस के खिलाफ सोच रखती है. वहीं अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन, स्पेन में भी 90 प्रतिशत से अधिक लोग भी रूस को नापसंद करते हैं. बता दें कि भारत में मात्र 31 प्रतिशत आबादी ही रूस के खिलाफ है.
पोलैंड के नागरिकों के बीच रूस के प्रति यह नफरत का मुख्य कारण विश्वयुद्ध के बाद यूएसएसआर द्वारा पोलैंड पर कम्युनिस्ट विचारधारा को थोपना है. उनका मानना है कि इसके कारण उनका देश बहुत पीछे चला गया. लोकतंत्र को अपनाने के बाद उनके देश में वापस से विकास कार्यों की शुरूआत हो सकी है. तब से ही पोलैंड और रूस के संबंध सुधर नहीं सके हैं. जानकारों का मानना है कि रूस यूक्रेन के बाद पोलैंड पर हमला कर सकता है.

रूस पर भरोसा नहीं

तमाम वेस्टर्न नेता रूस पर यह आरोप लगाते हैं कि उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. उसके कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है. इसके पीछे वह रूस के विदेशमंत्री के बयान की दलील देते हैं. बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले से पहले रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने हमले की पश्चिमी देशों की चेतावनी को “प्रोपेगैंडा” और “पश्चिम की अतिशयोक्ति” करार दिया था. हाल ही में पांचवीं बार राष्ट्रपति बने पुतिन ने कहा था कि नाटो देशों पर हमले की रूस की कोई मंशा नहीं है. लेकिन इस्टोनिया के पीएम काजा कलासा जैसे नेताओं का कहना है कि रूस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

बढ़ रहा है युद्ध का खतरा

दुनिया में कई वॉर फ्रंट खुले हुए हैं या बहुत जल्द खुल सकते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा इजराइल हमास युद्ध भी दुनिया के लिये चिंता का सबब बना हुआ है. वहीं अर्मेनिया-अजरबेजान के बीच भी कभी भी युद्ध वापस से शुरु हो सकता है. हाल ही में ईरान और पाकिस्तान ने भी एक दूसरे पर मिलाइल से हमला किया था. हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गयी थी. अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि इन विवादों से विश्व स्तर पर उतना बड़ा प्रभाव न पड़ने के आसार हैं.
हालांकि चीन के एक कदम ने दुनिया की चिंता बढा दी है. हाल ही में चीन ने अपने नागरिकों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें उन्हें अमेरिका में सफर के लिये एहतियात बरतने की सलाह दी है. चीन के इस फैसले को लेकर जियोपोलिटिक्स विशेषज्ञों का मानना है कि चीन कुछ वर्षों के अंदर कुछ बड़ा कार्रवाई कर सकता है जिससे अमेरिका से उसके संबंध बिगड़ सकते हैं. ताइवान पर हमला संभावित कदम हो सकता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार ताइवान को चीन का हिस्सा बता चुके हैं

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More