मालवीय जी की बगिया बीएचयू में इस बार भी सजा दुर्गा पांडाल

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बीएचयू के मधुबन में हर साल सजाया जाता है पांडाल

तरह-तरह के आयोजित होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम


वाराणसीः महामना मालवीय जी की बगिया के रूप से प्रचलित बीएचयू में इस साल भी जोशों खरोश संग दुर्गा पांडाल सजाय़ा गया है। बीएचयू के छात्र,स्टाफ
और प्रोफेसर द्वारा ही पंडाल की सजावट की तैयारी की जाती है। नवरात्र के
6वें दिन इसका उद्घाटन कुलपति द्वारा किया जाता है।
नवमी तक पांडाल दर्शन समेत अन्य कार्यक्रम सांस्कृतिक का आयोजन किया
जाता है। सप्तमी से नवमी तक दोपहर में तीन दिन का भंडारा होता है
जिसमें माता का भोग लोगों को बांटा जाता है।

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बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस के सेक्शन ऑफिसर विश्वजीत शाह के अनुसार ने बताया कि वह पांडाल के जनरल
सेक्रेटरी हैं एवं अन्य जिम्मेदार पदों पर भी बीएचयू के प्रोफेसर या स्टाफ ही
मनोनीत किये जाते हैं।यही लोग इसे संचालित करते हैं।

जानकारी दी कि 2004 में पहली बार मालवीय
भवन में पांडाल लगाकर माँ देवी की पूजा अर्चना किया गया था। हालांकि
जगह की कमी के कारण बाद में इसे मधुबन मैदान में शिफ्ट कर दिया गया।
पूरे कार्यक्रम में पूजा को ही तरजीह दी जाती है। छात्रों द्वारा माता सरस्वती की
वंदना भी की जाती है।

इस बार इसका उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन द्वारा दुर्गा प्रतिमा की आरती के साथ शुरू किया गया।
इस मौके पर आर्टस और साइंस फेकल्टी के डायरेक्टर भी मौजूद थे।

छात्र समेत क्षेत्र के लोग पहुंच रहे बीएचयू

बीएचयू की फिलहाल परीक्षाएं खत्म होने के कारण ज्यादातर स्टूडेंट घर की तरफ रुख कर लिए हैं। हॉस्टल और
बाहर रहने वाले खासकर छित्तूपुर , सीर और हैदराबाद गेट आदि इलाकों में रहने
वाले विद्यार्थी भी कम ही दिख रहे। फिर भी जितने विद्यार्थी बीएचयू
रह गए हैं वो अपने साथियों के साथ समूह में मधुबन पहुंच रहे। साथ
ही प्रोफेसर एवं स्टाफ के परिवार के सदस्यों के अलावा शहरवासी भी
पांडाल दर्शन और कार्यक्रम का लुत्फ उठाने बीएचयू स्थित मधुबन पहुँच रहे हैं।

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