डीएम की पत्नी बेटियों के भविष्य के लिए बन गईं टीचर

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किसी जिले का कलेक्टर उसका मालिक होता है, बिना उसकी इजाजत के पत्ता भी नहीं हिल सकता। हम आपको एक ऐसे ही डीएम और उनकी पत्नी के बारे में बताएंगे जो वहां के लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बन गए हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में तैनात डीएम मंगेश घिल्डियाल की। जिन्होंने अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया है।

मंगेश घिल्डियाल की जब से रुद्रप्रयाग पोस्टिंग हुई है वह अपने जिले की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यही वजह है कि वह 30 से ज्यादा स्कूलों का दौरा कर चुके हैं और वहां की हकीकत से रूबरू हो चुके हैं। यहीं नहीं डीएम साहब सरकारी कामकाज से एक घंटे का समय निकाल कर स्कूलों छात्रों के बीच जाकर उनसे संवाद करते हैं।

पिछले दिनों डीएम मंगेश घिल्डियाल ने रुद्रप्रयाग के एक इंटर कॉलेज का दौरा किया तो वहां के हालात देखकर उन्हें बड़ा दुख हुआ। विद्यालय में शिक्षक न होने से छात्राओं की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इससे छात्राएं काफी परेशान हैं। उन्हें बताया गया कि कॉलेज में शिक्षकों के नौ पद रिक्त चल रहे हैं।

ऐसे में 11वीं व 12वीं की छात्राओं ने दूसरी जगह प्रवेश ले लिया है। डीएम इससे बेहद व्यथित हुए और घर आकर पत्नी उषा से विद्यालय की दुर्दशा पर चर्चा की। साथ ही पत्नी से छात्राओं को पढ़ाने की गुजारिश भी की। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उषा ने नवीं व 10वीं कक्षा में विज्ञान विषय पढ़ाने का फैसला किया। डीएम की पत्नी अब उस स्कूल में जाकर घर रोज दो घंटे छात्रों को विज्ञान पढ़ा रही हैं।

डीएम घिल्डियाल ने इस संबंध में किसी को कुछ भी बताने से मना किया था, लेकिन सामाजिक सरोकार भी भला कहीं छिप पाते हैं। सो, यह बात भी हवा की तरह चारों दिशाओं में फैल गई। विद्यालय की प्रधानाचार्य ममता नौटियाल ने बताया कि डीएम की पत्नी उषा घिल्डियाल नवीं व दसवीं कक्षा की छात्राओं को विज्ञान विषय पढ़ा रही हैं।

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