कबाड़ की दुकान से किताबें खरीदकर जला रहे शिक्षा की मसाल

0

हमारे देश में बहुत से ऐसे गरीब परिवार हैं जो अपने बच्चों को चाहकर भी अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते हैं। आज के समय में पढ़ाई इतनी महंगी हो गई है कि गरीब सिर्फ अपने बच्चों को पढ़ाने का सपना देख सकते हैं उन्हें पढ़ा नहीं सकते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है ओरैया के दिबियापुर इलाके के गांव पुरवा झाबर के रहने वाले धर्मा उर्फ चंद्रभान की।

धर्मा का परिवार बहुत ही गरीब था जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई के दौरान तमाम ऐसे हालातों से गुजरना पड़ा जो बहुत कठिन था। धर्मा ने जिस तरह से खुद को पढ़ाई करने के दौरान जो मुसीबतें दिखाई दी और जिनसे गुजरना पड़ा था वो और किसी बच्चे के साथ न हो इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वो अब ऐसे बच्चों की जिंदगी में रौशनी फैलाएंगे जो आर्थिक स्थिति की वजह से पढ़ नहीं पा रहे हैं।

साल 2015 में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया

धर्मा ने साल 2015 में अपने ही घर की छत पर धर्मा ने गांव के गरबी बच्चों को फड़ाने लगे। लेकिन धर्मा के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती थी कि बच्चों को पढ़ाने के लिए किताबें कहां से आयेंगी क्योंकि जो बच्चे पढ़ने आते थे उनके परिवार वाले किताबें नहीं खरीद सकते थे।

Also read : आज के दिन शुरू हुआ था ‘भारत छोड़ो आंदोलन’

कबाड़ की दुकान से खरीदते थे पुरानी किताबें

धर्मा ने पुरानी किताबें खरीदने का फैसला किया और कबाड़ की दुकान से किताब खरीब लाए। बस इसी के साथ धर्मा ने मुफ्त में शिक्षा देने का अभियान शुरू कर दिया। शुरू में गांव के लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन जल्द ही समझ गए कि धर्मा जो कर रहे हैं वो सराहनीय पहल है।

घर की छत पर चलाते थे क्लास

धर्मा के इस काम में धीरे-धीरे और भी लोग जुड़ने लगे। धर्मा ने शुरूआत में अपनी छत पर बच्चों को पढ़ाते थे लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ने पर उन्होंने गांव के बारातघर को बच्चों की पाठशाला बना दी। धर्मा ने धीरे-धीरे कबाड़ की दुकान से किताबें खरीद कर एक लाइब्रेरी बना डाली है।

लाइब्रेरी में 3 हजार से ज्यादा किताबें हो गई हैं

इस समय उनकी लाइब्रेरी में करीब 3 हजार से ज्यादा किताबें हो गई हैं। इनके इस पहल से प्रभावित होकर अब लोग उनको खुद किताबें दे जाते हैं। धर्मा किसी दिन कारणवश अगर पढ़ाने नहीं पहुंचते हैं तो उनके भाई इंद्रभान और देवभान बच्चों को पढ़ाने पहुंच जाते हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More