दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी जुर्माने की चेतावनी, जानें वजह

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नई दिल्ली: देश में हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल के नेता प्रचार- प्रसार में लगे हैं. वहीँ इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट में आज एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि जेल में बंद नेताओं को वर्चुअल मोड से जनसभाओं को संबोधित करने कि इजाजत और आयोग को एक तंत्र बनाने के लिए निर्देश दिया जाए. कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज कर दिया है और याचिकाकर्ता को जुर्माने लगाने की चेतावनी भी दी है.

कोर्ट ने लगाई फटकार…

बता दें की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा कि आप हमसे कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. आप चाहते है की गिरफ्तार लोगों को चुनाव के दौरान प्रचार करने की अनुमति दी जाए. मैं आपको बता देता हूँ की अगर ऐसा होता है तो सभी खूंखार लोग राजनीतिक दल बना लेंगें. दाऊद इब्राहिम चुनाव लड़ेगा और वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जनसभा को संबोधित करेगा.

कोर्ट लगाएगी जुर्माना

कोर्ट ने कहा की इस तरह की याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाएगी. हालाँकि कोर्ट में उनके वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को जाने दिया जाए क्योंकि वह कानून का छात्र है. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि छात्र को सही से शक्तियों के बांटवारे और न्यायिक शक्तियों कि सीमाओं के बारे में सही से बताएं…

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विधि छात्र ने दायर की थी याचिका…

बता दें की कोर्ट में जिस छात्र ने याचिका दायर की थी वह विधि का एक स्टूरडेंट है जिसका नाम अमरजीत गुप्ता है. बता दें कि उसने कोर्ट से मांग की थी कि चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया जाए की वह जेल में बंद नेताओं को चुनाव के दौरान प्रचार करने कि लिए एक तंत्र लाया जाए जो दोषी नहीं है और जेल में है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि लोकसभा चुनाव में अचार संहिता लागू होने के बाद विभिन्न राजनैतिक नेताओं की गिरफ्तारी के बाद से परेशान है. याचिकाकर्ता ने केजरीवाल का हवाला देते हुए कहा की उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार किया गया है. इसके चलते वह चुनाव प्रचार नहीं का पा रहे हैं और न ही जनता को चुनावी अभियान के बारे में जानकारी दे पा रहे हैं.

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