डूबकर होनी वाली मौतें राज्य आपदा घोषित, घटनाओं को कम करने के उपायों पर जोर

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वाराणसी : शासन ने कुआं, नदी, झील, तालाब, पोखरा, नहर, नाला, गड्ढा, जल प्रपात में डूब कर होने वाली मृत्यु को राज्य आपदा घोषित किया है। डूबने से होने वाली मृत्यु को कम किये जाने के लिए अनेकों कार्य कराये जा रहे हैं. अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) ने बताया कि जिले के समस्त घाटों एवं अन्य संवेदनशील स्थान जहां डूबने की घटनायें ज्यादा हुई हैं, उन स्थानों एवं गंगा घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाया गया है।

स्नानार्थियों एवं पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी घाटों पर प‍ब्लिक एड्रेस सिस्टहम लगाये जाने का संज्ञान लिया गया है। इस सम्बन्ध में शीघ्र ही निर्णय लेते के लिए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। कुछ महत्वपूर्ण घाटों पर स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है। वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा क्रमश राजेन्द्र प्रसाद घाट, दशाश्वमेघ घाट, राजघाट एवं अस्सी घाट पर एलईडी स्क्रीन लगाये गये है, जो क्रियाशील है। इन चारों घाटों पर डूबने से बचाव हेतु बचाव का वीडियो व संदेश प्रसारित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

सभी घाट 712 स्ट्रीट लाइट से आच्छादित

नगर निगम द्वारा समस्त घाटों पर कुल 712 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं. इनकी देखरेख ईईएसएल द्वारा की जा रही है। पर्यटन एवं जनमानस को देखते हुए घाटों पर 14 अदद सेमी हाईमास्ट की स्थापना कराई गई है, जिसे नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन जलाया एवं बन्द किया जाता है। वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा राजेन्द्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट, शिवाला घाट , केदार घाट, पंचगंगा घाट तथा राजघाट पर कुल 07 चेंजिंग रूम युक्त जेटी लगाये जा रहे हैं, जो जनवरी, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

सभी नावों पर बैठने वाले यात्रियों की क्षमता अंकन का प्लेट नावों पर चस्पा कराया गया है। समय-समय पर जल पुलिस एवं नगर निगम द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाकर इसकी जांच की जा रही है। नगर निगम एवं जल पुलिस के द्वारा नियमित रूप से नाविकों के साथ बैठक कर उन्हें अपनी नावों पर पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण जैसे- लाईफ जैकेट, लाइफ बाय आदि का इस्तेमाल करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

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जीर्ण-शीर्ण नावों के संचालन पर रोक

जीर्ण-शीर्ण नावों के संबंध में लाइसेन्स नगर निगम के निरीक्षक द्वारा निरीक्षणोपरान्त लाइसेन्स निरस्त करते हुये उनके संचालन पर रोक लगायी जा रही है। जनपद के प्रमुख घाटों पर नाविकों को प्रशिक्षित करने के लिए एनडीआरएफ के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से नाविको और जनमानस को प्रशिक्षित किया जाता है। इसके अलावा डूबने से होने वाली जनहानि को न्यून किये जाने हेतु गत दिनों बैठक भी गयी थी।

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