बलिया में गर्मी से मौते, मरने वालों की संख्या 57 पहुंची…
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में जिला अस्पताल में पिछले दिनों हुई अप्रत्याशित मौतों के कारणों की जांच करने लखनऊ से जांच टीम रविवार को बलिया पहुंची, टीम ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के रक्त ,यूरीन आदि के नमूने भी लिए। ज्यादातर मरीजों में बुखार, सांस व सीने में दर्द की शिकायत दर्ज की गई।
दर्द व सांस फूलने की समस्या…
जिला अस्पताल में संवाददाताओं से बातचीत में संचारी विभाग के निर्देशक डॉ. एक. के. सिंह ने बताया कि सभी मरीजों में प्रथम द्दष्टया सीने में दर्द व सांस फूलने की समस्या देखने को मिल रही है, ज्यादातर मरीज इन समस्याओं से ग्रसित हैं, उन्होंने बताया. कि मरीजों के अनुसार सबसे पहले उन्हें सीने में दर्द हुआ. फिर उन्हें बुखार हो गया. और सांस फूलने लगी. मरीजों के रक्त, यूरीन, सीरम व स्टूल के नमूने लिए जाएंगे व उनकी जांच की जाएगी. सभी जांचों की रिपोर्ट आने के बाद ही किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की मौत…
तो वही जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस के यादव ने बताया कि अस्पताल में गत 15 जून को 154 रोगी भर्ती हुए थे, जिनमें 23 रोगियों की विभिन्न कारणों से मृत्यु हुई है. उनके मुताबिक, इसके अलावा 16 जून को 20 रोगियों की तथा 17 जून को 11 रोगियों की मृत्यु हुई है. उन्होंने स्वीकार किया है कि बलिया में सामान्य से ज्यादा संख्या में लोग मर रहे हैं. उनमें से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या अधिक है.
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जयंत कुमार का दावा…
तो वही स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जयंत कुमार ने बातचीत में दावा किया. कि बलिया जिले में ‘हीट स्ट्रोक’ से अब तक सिर्फ दो लोगों की ही मौत हुई है. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के अभिलेखों में दर्ज विवरण के अनुसार 40 फीसदी लोगों की बुखार व 60 फीसदी लोगों की अन्य रोगों से मौत हुई है. जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया, “जिला अस्पताल में रोगियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए समस्त प्रबंध किए गए हैं. 15 बिस्तर बढ़ाए गए हैं. इसके साथ ही अस्पताल के कमरों में कूलर पंखे और एयर कंडीशनर लगाए गए हैं.”
मंत्री का अजीबोगरीब बयान…
इस बीच, बलिया सदर से बीजेपी विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का इस मामले को लेकर अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उन्होंने रविवार को एक सरकारी कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गर्मी के समय मृत्यु दर बढ़ जाती है. और पहले भी ऐसा होता रहा है, ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी बार ऐसा हो रहा है. मंत्री ने कहा कि मृत्यु हो रही है तो स्वाभाविक भी हो रही है. और इसे सिर्फ गर्मी से ही जोड़कर न देखा जाए.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हटाया गया…
इधर, बलिया में भीषण गर्मी के बीच बड़ी संख्या में हो रही मौतों के बीच शासन ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह को हटा दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को इसकी पुष्टि की है. दयाशंकर सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में ‘हीट स्ट्रोक’ से करीब 25 रोगियों की मौत होने की जानकारी दी थी. हालांकि वह बाद में अपने दिए गए बयान से पलट गए थे. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिवाकर सिंह ने मौतों को लेकर गलत आंकड़ा पेश किया था.
स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने क्या कहा…
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इसलिए हटाया गया है. क्योंकि उन्होंने लापरवाही भरा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है. कि वे हर मरीज की पहचान करें और उसे बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं. जिला अस्पताल में रविवार को तीन अन्य रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 57 हो गई है.
अखिलेश यादव का दावा…
इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक बयान में कहा. कि प्रदेश में पूरी तरह से अराजकता है. और सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. उन्होंने दावा किया, “ गर्मी से बलिया में 24 घंटे में 36 मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है. बलिया जिले में ही पिछले आठ दिनों में 121 मरीजों की मौत हो चुकी है.”
बीजेपी के दावों की पोल खुल चुकी…
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”बीजेपी सरकार के दावों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जरूरी दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।
हिट वेब की चपेट में बिहार…
बता दें कि यूपी ही नहीं बिहार-झारखंड में भी गर्मी कहर बरपा रही है। बिहार के कई जिले हिट वेब की चपेट में हैं। राज्य के 10 जिलों में हीट वेव से स्थिति बेहद खराब है। पिछले दो दिनों में बिहार में 44 लोगों की जान गई है, जिसमें से 35 लोग पटना के दो अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती थे। वहीं, पटना के सरकारी अस्पतालों में 200 से ज्यादा लोग डायरिया से पीड़ित हैं।
पांच राज्यों में अलर्ट जारी…
झारखंड में भी गर्मी सितम ठाह रही है. राज्य के कई जिलों में लू के थपेडों ने लोगों को घरों से निकलना मुश्किल कर दिया है. कई जिलों में भीषण गर्मी और हिट बेव को देखते हुए स्कूल की छुट्टियों को भी आगे बढ़ा दिया गया है. झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में भी हिट बेव की स्थिति बनी हुई थी।
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