Cyber Fraud: वाराणसी में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी, साढ़े तीन करोड का लगाया चूना
पुलिस अधिकारी बन रिटायर्ड महिला टीचर को साइबर जालसाजों ने बनाया निशाना
Cyber Fraud: पुलिस अधिकारी बन गिरफ्तारी का भय दिखा कर एक रिटायर्ड महिला टीचर संग करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है. साइबर जालसाजों ने वाराणसी के सेंट जांस मड़ौली स्कूल की रिटायर्ड टीचर को निशाना बनाया और स्काई ऐप डाउनलोड कराकर उसके बैंक खाते से 3 करोड़ 55 लाख साफ कर दिया. इसकी जानकारी होने पर पीड़िता ने मामले की शिकायत कमिश्नरेट के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से की. पुलिस अधिकारी के निर्देश पर बुधवार को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए टीमें गठित की हैं. जिले में अब तक की यह सबसे बड़ी यह साइबर क्राइम की घटना बताई जा रही है. उधर, इस घटना के बाद से महिला समेत परिवार स्तब्ध हैं.
अनजान नंबर से आई काल
सिगरा थाना क्षेत्र के रथयात्रा स्थित अमलनाथ अपार्टमेंट निवासी अशोक रक्षित की पत्नी शम्पा रक्षित सेंट जांस मड़ौली की रिटायर्ड टीचर हैं. पीड़िता के मुताबिक आठ मार्च की सुबह नौ बजे अनजान नंबर से उनक मोबाइल फोन पर कॉल आई. अपने को, वह टेलिकॉम रेगुलेटरीअथॉर्टी का बताया और कहा कि दो घंटे में आपका फोन बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा. शम्पा के अनुसार, इसके बाद तुरंत फोन आया और कहा कि वह महाराष्ट्र के विले पार्ले पुलिस स्टेशन से पुलिसअधिकारी विनय चौबे बात कर रहा है. एक दूसरा मोबाइल नंबर बताया और कहा कि यह मोबाइल नंबर आपने घाटकोपर से लिया है और इससे अवैध काम हो रहा है.
गिरफ्तारी की दी धमकी, घर में रहने को कहा
इस पर मैनें कहा कि यह मेरा नंबर नहीं है और मैं मुंबई में नहीं रहती हूं.फोन पर व्यक्ति ने कहा कि आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट है और आपको मुंबई स्थित विलेपार्ले पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा. इस पर व्यक्ति अपने सीनियर से बात कराने लगा और स्काई एप डाउनलोड कराया. वह भी गिरफ्तारी की धमकी देकर और घर के अंदर रहने और इस बारे में किसी से कुछ नहीं बताने को लेकर धमकाया. दबाव बनाकर परिवार का पूरा विवरण लिया और मेरे बैंक खाते का पूरा ब्यौरा चेक किया.
शम्पा ने पुलिस को बताया कि फोन पर व्यक्ति ने बैंक खाते के सभी रुपये को आरबीआई में डालने और जांच के बाद पैसे वापस आने का भरोसा दिया और कहा कि आपकी गिरफ्तारी नहीं होगी.
चार्टर्ड एकाउंटेंट ने दी ठगी की जानकारी
इस बीच, खाता संख्या दिया, जिसमें मैनें 11 मार्च को तीन करोड़ रुपये आरटीजीएस करदिया. इस बीच 12मार्च कोफिर फोन आया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए खाते में शेष पैसा भी आरटीजीएस कर दें. 12 मार्च को दोबारा 55 लाख रुपये उनके बताए हुए बैंक खाते मेंआरटीजीएस कर दिया. इसके बाद अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट से यह घटनाक्रम साझा की. चार्टर्डएकाउंटेंट ने बताया कि उनके साथ जालसाजी हो गई है.
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झांसे में न आयें
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र ने बताया कि फोन पर किसी को भी बैंक खाता, यूपीआई, पिन आदि साझा नहीं करना चाहिए. साइबर जालसाज इस समय तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने में लगे हुए हैं. अनजान नंबर और अपरिचित किसी को भी बैंकसंबंधी जानकारियां नहीं दें. साइबर क्राइम की घटना होने पर 24 घंटे के अंदर संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराएं.