दलितों पर अत्याचार की नयी इबारत लिख रहा कासगंज
उत्तर प्रदेश का कासगंज जिला इन दिनों दलितों पर अत्याचार की एक नई इबारत लिख रहा है। यहां दबंगों की दबंगई का ये आलम है कि पुलिस भी इनसे बचाव में बैकफुट पर नजर आती है। गुंडई ऐसी है कि बीच सड़क पर एक दलित महिला सभासद को ही नहीं बल्कि उसके बेटे को भी पीटा जाता है।
पहला मामला नहीं
ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी एक दलित युवक को उसकी शादी में घोड़ी चढ़ने से रोके जाने का मामला सामने आ चुका है।
सभासद पिटती रही लोग देखते रहे
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता सुखदेवी कासगंज के बिलरामनगर पंचायत से सभासद हैं। इलाके के ही दबंग ठेकेदार ने सभासद के बेटे से रंगदारी मांगी लेकिन रंगदारी नहीं मिलने पर ठेकेदार ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर सुबह 11.30 बजे सभासद सुखदेवी और उनके बेटे को लक्ष्मी टॉकीज के पास बीच सड़क पर डंडों से बुरी तरह पीटा। दबंगों की पिटाई से महिला सभासद और उनका बेटा बुरी तरह घायल हुए हैं। यह वीडियो वायरल हो चुका है।
महिला सभासद ने दी है तहरीर
सूत्रों के मुताबिक, दलित सभासद महिला ने थाने में अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। कासगंज में दलितों पर अत्याचार का इससे पहले हुए एक मामले ने ही यहां की पुलिस पर सवाले उठा दिए थे लेकिन दलित महिला सभासद के साथ हुई मारपीट ने कानून व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा किया है।
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महिला सभासद ने दी है तहरीर
सूत्रों के मुताबिक, दलित सभासद महिला ने थाने में अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। कासगंज में दलितों पर अत्याचार का इससे पहले हुए एक मामले ने ही यहां की पुलिस पर सवाले उठा दिए थे लेकिन दलित महिला सभासद के साथ हुई मारपीट ने कानून व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा किया है।
संजय जाटव की सगाई शीतल से हुई है
संजय कुमार जाटव हाथरस के हसायां ब्लॉक में रहते हैं। उनकी सगाई इसी साल फरवरी में कासगंज के निजामपुर की रहने वाली शीतल कुमारी से हुई थी। 20 अप्रैल को शादी के लिये बैण्ड बाजे का इंतजाम किया गया तो संजय को पता चला कि गांव में दबंग ठाकुर किसी दलित को घोड़ी नहीं चढ़ने देते। यही वजह है कि संजय ने जिले के आला अधिकारियों से लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम तक से अपनी गुहार लगाई है। संजय का कहना है कि उसे उसकी शादी में बारात ले जाने की अनुमति मिले और पुलिस प्रशासन उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले।
सुलह के नाम पर रोडमैप
प्रशासन की दखलंदाजी के बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह तो हुई है लेकिन यहां भी दबंगई का असर साफ दिख रहा है। बारात निकालने के रोड मैप के साथ कुछ नियम और शर्तें भी बनाई गई हैं। इस समझौते के बाद दलित युवक की बारात का जनवासा गांव के बाहर कुतुबपुर जाने वाले मुख्यमार्ग पर धर्मवीर के खेत में रहेगा। बारात जनवासा से प्रस्थान कर कुतुबपुर-निजामपुर रोड से गांव के तिराहे से होते हुए प्राइमरी पाठशाला के सामने से, महेश चौहान के घर से सामने से, सरेंद्र चौहान के घर पास पश्चिम दिशा में सत्यपाल के घर तक जाएगी।
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हाई कोर्ट जाने की तैयारी
संजय ने स्थानीय पुलिस से संपर्क कर बारात निकालने की अनुमति मांगी, लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा कि वह इलाका उच्च जाति के लोगों का है, बारात निकाले जाने से वहां हिंसा हो सकती है।
इस बीच संजय ने अपनी शादी में बारात निकालने की अनुमति के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। संजय ने बताया कि जब उन्हें यह बात पता चली कि निजामपुर गांव में किसी भी दलित की बारात नहीं निकलती तो वह आश्चर्यचकित रह गए थे।
बहरहाल, बारात निकाले जाने के रोडमैप को अनमने ही सही उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
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