कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: शशि थरूर की PC, वोटिंग से पहले जताई आपत्ति, हुआ ये बदलाव
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान को अब 24 घंटे से भी कम समय बचा है. सोमवार (17 अक्टूबर) को नए पार्टी प्रमुख के लिए मतदान किया जाएगा. 19 अक्टूबर को मतगणनों के बाद नए अध्यक्ष का ऐलान होगा. एक तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी दावेदारी को लेकर ताल ठोंक रहे हैं तो दूसरी तरफ शशि थरूर भी कोई कसर छोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचकर शशि थरूर ने अपनी एक किताब के हिंदी संस्करण का विमोचन किया. इसके साथ ही, कांग्रेस नेताओं से अध्यक्ष पद के लिए समर्थन मांगा और प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने एक दिन पहले पहुंचे हुए डेलीगेट्स का धन्यवाद किया.
शशि थरूर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश के लोकतंत्र के लिए कांग्रेस जरूरी है. यह चुनाव पार्टी के भविष्य के लिए बेहद जरूरी है. हम कांग्रेस को भविष्य के लिए तैयार करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल से चुनाव नहीं हुआ. राहुल गांधी ने जब तय किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे तो मैंने फैसला लिया. पार्टी मुश्किल में है. कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर चले गए. वरिष्ठ नेताओं का भी भरोसा कुछ कमजोर हुआ है. देश के लिए मजबूत कांग्रेस जरूरी है. हम दिखाना चाहते हैं कि पार्टी भविष्य के लिए बदलाव आत्मसात कर सकती है. राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के बावजूद कांग्रेस ने दिखाया कि वह देश चला सकती है.
शशि थरूर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज उठाना जरूरी है. मैं नामांकन से पहले पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गया था. उन्होंने सहमति दी. उन्होंने मुझे लड़ने को कहा और ये बताया कि हमारा कोई आधिकारिक प्रत्याशी नहीं होगा. गांधी परिवार चाहता है कि लोग अपनी इच्छा से अपना अध्यक्ष चुनें. यह चुनाव कांग्रेस के लिए भी अच्छा है. अगर गांधी परिवार चाहता है कि लोग चुनें तो यह ठीक ही है.
अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में शशि थरूर ने कहा कि ये पार्टी के अंदर का चुनाव है. मैं खड़गे साहब के खिलाफ नहीं, उनके साथ हूं. वो और हम एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं. मैंने उनके साथ काम किया है. उन्हें संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव है. खड़गे साहब जब खड़े हुए तो उनके साथ 90 प्रतिशत लोग थे. हम दोनों के काम करने का तरीका अलग है.
शशि थरूर ने कहा कि मेरा नारा है विकेंद्रीकरण. अगर मैं कांग्रेस अध्यक्ष बना तो पार्टी में विकेंद्रीकरण करूंगा. पीसीसी के सदस्यों को 22 साल से अपनी अहमियत दिखाने का कोई मौका नही मिला है. मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि सभी निर्णय दिल्ली से न हों. हर प्रदेश अध्यक्ष अपने हिसाब से फैसला लें. सप्ताह में दो दिन कार्यकर्ताओं के लिए दरबार चलाया जाना चाहिए, ताकि कार्यकर्ता बिना रोकटोक के अध्यक्ष से मिल सकें. अध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान होगा. किसी को भी ये पता नहीं होगा कि किसने किसको वोट दिया है. जो भी मेरे लिए खड़े है मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा. जीत खड़गे जी की हो या मेरी, जीतेगी कांग्रेस ही.
शशि थरूर ने कहा कि जो परिवर्तन की बात करेगा उसको नेतृत्व पसंद नहीं करेगा. लेकिन, कई लोग हैं पार्टी में जो परिवर्तन चाहते हैं. जो जीतेगा वही सिकंदर. गांधी परिवार का आशीर्वाद दोनों उम्मीदवारों पर है. गांधी परिवार हमेशा से ही कांग्रेस से जुड़ा हुआ है पर उनका कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है. गांधी परिवार और अध्यक्ष दोनों मिलकर काम करेंगे.
बता दें कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. इस चुनाव के लिए सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 04:00 बजे तक वोटिंग होगी. इसमें कांग्रेस डेलिगेट्स वोट कर सकेंगे. कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी, एआईसीसी महासचिव, राज्य प्रभारी, सचिव और संयुक्त सचिवों के साथ सुबह 24 अकबर रोड यानी कांग्रेस हेडक्वॉर्टर में वोट डालेंगी. कांग्रेस मुख्यालय के साथ-साथ देशभर में मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तरों में वोटिंग होगी.
36 पोलिंग स्टेशन, 67 बूथ…
कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (सीईए) के सदस्य ने बताया है कि 36 पोलिंग स्टेशन, 67 बूथ होंगे. इसमें से 6 बूथ यूपी में होंगे. प्रति 200 वोट्स के लिए एक बूथ बनाया गया है. वहीं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मद्देनजर राहुल गांधी समेत करीब 47 लोग कर्नाटक में ही वोटिंग करेंगे.
शशि थरूर की टीम ने उठाया सवाल…
17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में होने वाली वोटिंग से पहले शशि थरूर की टीम ने प्रक्रिया को लेकर एक सवाल उठाया, जिसके बाद चुनाव समिति ने उस नियम को ही बदल दिया. दरअसल, पहले तय था कि चुनाव में वोटिंग करने वाले कांग्रेस नेता अपने पसंद के प्रत्याशी के नाम के आगे 1 लिखेंगे और बैलेट पेपर फोल्ड करके उसे बैलेट बॉक्स में डाल देंगे. इस पर शशि थरूर की टीम ने यह कहकर आपत्ति जताई कि बैलेट पेपर में मल्लिकार्जुन खड़गे का सीरियल नंबर 1 है. इसलिए वोटिंग करने वाले शख्स के सामने भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. आपत्ति को समझते हुए कांग्रेस की चुनाव समिति ने अब 1 की जगह A का इस्तेमाल करने की बात कही है.
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