रूस-यूक्रेन का समझौता चाहता है चीन, चार बिंदुओं में जानें ड्रैगन का शांति प्लान
लखनऊ : एक साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मध्यस्ता कराने के लिए चीन लगातार प्रयास कर रहा है। युद्ध के आगाज के बाद वह चीन ही था, जो यूक्रेन और रूस के युद्ध में सहयोग करने पहुंचा था। अब खुद चीन ही दोनों देशों के बीच शांति समझौता कराना चाहता है। सोमवार को चीन अपने एक विशेष दूत को यूक्रेन रूस और अन्य यूरोपीय शहरों का दौरा करने के लिए भेज रहा है।
रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्ता कराएगा चीन
चीन खुद को शीर्ष साबित करने के लिए लगातार कोशिश मे रहता ही है। अब ये देश यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्ता करना चाहता है। इसी कड़ी में सोमवार को चीन अपने एक विशेष दूत को यूक्रेन, रूस और अन्य यूरोपीय शहरों का दौरा करने के लिए भेज रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य शांति वार्ता को बढ़ावा देना है।
दौरे पर राजनीतिक समाधान पर चर्चा करेगा चीन
इस दौरे को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें यूक्रेन संकट के लिए “राजनीतिक समाधान” पर चर्चा करने की बात कही गई है। यूरेशियन मामलों के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि और रूस में पूर्व राजदूत ली हुई दो दिन के दौरे पर रहेंग। इस दौरान वे पोलैंड, फ्रांस और जर्मनी भी जाएंगे।
इस पहले भी रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त कराने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जेलेंस्की से बातचीत की थी। इस बातचीत को यूक्रेनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक बताया था। लेकिन रूस ने शांति समझौता से इन्कार कर दिया था।
रूस-यूक्रेन युद्धा का कारण
कीव ने रूस को किसी भी क्षेत्रीय रियायत के विचार से इंकार किया है और कहा है कि वह अपनी जमीन का एक-एक इंच वापस चाहता है। रूस ने 2014 में क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था और पिछले साल से चार अन्य यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जा करने का दावा किया है, जिसे मास्को अब रूसी भूमि कहता है।
ड्रैगन का शांति प्लान, दांव पर लगे हैं व्यापार के रिश्ते :
- फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से वे यूक्रेन का दौरा करने वाले सबसे वरिष्ठ चीनी अधिकारी हैं। उनकी ये यात्रा यूक्रेन के लिए काफी अहम मानी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे रूस द्वारा यूक्रेन का कब्जाया हुआ हिस्सा शायद वापस मिलने में मदद मिल सकती है।
- ली हुई चीन के राजदूत के रूप में 10 साल बिताए हैं। ली 2019 से बीजिंग के यूरेशियन मामलों के विशेष दूत हैं। चीन रूस और यूक्रेन से दोस्ती नहीं खराब करना चाहता। चीन का पड़ोसी देशों से विवाद बना हुआ है, ऐसे में यूक्रेन और रूस दोनों ही देशों से चीन के संबंध अच्छे हैं तो चीन इन संबंध को कमजोर नहीं करना चाहता है।
- यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच चीन ने अब तक रूस का भरपूर साथ दिया है। यूक्रेन के साथ जंग के बाद अमेरिका समेत कई देशों ने रूस से दूरी बना ली है। हालांकि, चीन ने रूस से बड़े पैमाने पर तेल और गैस की खरीदारी की है।
- यूक्रेन-रूस युद्ध को और तेज करने के लिए परमाणु का प्रयोग करने का मन बना रहे हैं। जबकि चीन परमाणु हथियारों के उपयोग का विरोध करता है। ऐसे में चीन अब इस युद्ध को जल्द समाप्त कराना चाहता है।
शीर्ष देश बनना चाहता है चीन
चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच अप्रैल में युद्ध के दौरान पहली वार्ता हुई थी। इसके बाद चीन की तरफ से शांति को बढ़ावा देने की बात कही गई थी। हालांकि, बीजिंग की तरफ से दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष में शामिल होने से इनकार कर दिया था। चीन मार्च में सऊदी अरब और ईरान के बीच बातचीत की व्यवस्था करने के बाद खुद को एक वैश्विक राजनयिक बल के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
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