छठ पूजा 2022: जानें तिथि, मुहूर्त और व्रत के इन 11 नियमों के बारे में
भारत के कुछ कठिन त्योहारों में से एक छठ पर्व आज (28 अक्टूबर) से शुरू हो गया है. इस पर्व का आयोजन हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है. छठ का पर्व 4 दिनों तक चलता है. मान्यता के अनुसार, छठ पूजा और व्रत परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए रखा जाता है. इस पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत सबसे प्रमुख होता है. व्रत रखने के साथ ही सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. यह व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है. महिलाओं के साथ पुरुष भी यह व्रत करते हैं.
कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है. दूसरे दिन खरना होता है. तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. ऐसे में इस वर्ष छठ पूजा रविवार (30 अक्टूबर) को है.
पूजा तिथि…
शुक्रवार (28 अक्टूबर )- नहाय खाय
शनिवार (29 अक्टूबर)- खरना
रविवार (30 अक्टूबर)- डूबते सूर्य को अर्घ्य
सोमवार (31 अक्टूबर)- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य
पूजा मुहूर्त…
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारंभ- 30 अक्टूबर- सुबह 05:49 बजे
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर- सुबह 03:27 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 5:37 बजे
व्रत के नियम…
1- छोटे बच्चों को पूजा का कोई भी सामान छूने नहीं दें.
2- जब तक पूजा पूर्ण न हो जाए बच्चे को तब तक प्रसाद न खिलाएं.
3- छठ पूजा के समय व्रती या परिवार के सदस्यों के साथ कभी भी अभद्र भाषा का उपयोग न करें.
4- जो भी महिलाएं छठ मैय्या का व्रत रखें, वह सभी 4 दिनों तक पलंग या चारपाई पर न सोते हुए जमीन पर ही कपड़ा बिछाकर सोएं.
5- छठ पर्व के दौरान व्रती समेत पूरे परिवार सात्विक भोजन ग्रहण करे.
6- पूजा की किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ अवश्य साफ कर लें.
7- छठ मैय्या का व्रत रखने वाले अर्घ्य देने से पहले कुछ न खाएं.
8- छठ पूजा के दिनों में गलती से भी फल न खाएं.
9- इस पर्व के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए तांबे या कांसे का बर्तन उपयोग में लाएं.
10- छठ का प्रसाद बनाने के लिए ऐसी जगह चुनें, जहां पहले खाना न बनता हो.
11- छठ पूजा के दौरान स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
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