श्रद्धा ही नहीं कारोबार का भी महापर्व है छठ ….

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छठ महापर्व को जहां आस्था, श्रद्धा का पर्व मना जाता है , वहीं अब यह कारोबार का पर्व भी बनता जा रहा है. इस बात का दावा कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा से लोकसभा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने किया है. उन्होंने इसको लेकर बताया है कि 96 घंटे यानी चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व में देशभर में 12 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है. इसके चलते कपड़े, फल, फूल, सब्जियां, साड़ियां एवं मिट्टी के चूल्हे समेत कई छोटे दुकानदारों के कारोबार में उछाल देखने को मिल सकता है. वहीं एक अनुमान यह भी है कि, इस साल करीब 15 करोड़ से अधिक लोग छठ पूजा का हिस्सा बनने वाले हैं.

खंडेलवाल के अनुसार, आज यानी 5 नवंबर से नहाय – खाय के साथ छठ पूजा की शुरूआत हो रही है जो 8 नवंबर तक चलने वाली है. चार दिवसीय इस पर्व के लिए बिहार और झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में 15 करोड़ से अधिक लोग इस पूजा में शामिल होने वाले हैं, जिनमें स्त्री, पुरूष, युवा और बच्चे सभी को शामिल किया गया है. त्यौहारों की बिक्री का आंकड़ा जारी करने वाली संस्थान कैट के अनुसार, इस साल की छठ पूजा में करीब 12 हजार करोड़ रूपए से अधिक का व्यापार होने की संभावना है.

छठ पर बाजारों में उछाल

छठ पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री में बांस का सूप, केले के पत्ते, गन्ना, मिठाई, फल और सब्जियां, खासकर नारियल, सेब, केला और हरी सब्जियां हैं. महिलाओं के पारंपरिक कपड़े, जैसे साड़ी, लहंगा-चुन्नी, सलवार कुर्ता, और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा, धोती आदि, छठ पूजा के अवसर पर काफी खरीदे जा रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को इससे लाभ पहुंच रहा है. वहीं छठ पर्व पर कुटीर और लघु उद्योगों को भी बल मिला है. घरों में छोटे पैमाने पर बनाए जाने वाले सामान की भी बिक्री बढ़ती है.

सब्जियों व फलों के दाम आसमान पर

ऐसे में सब्जियों के दाम के बारे में बात करें तो, आमतौर पर छठ पूजा से पहले सप्ताह में आलू का दाम 20-25 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 35-40 रुपये तक पहुंच सकता है. इसी तरह, लौकी और कद्दू की कीमत भी लगभग 20-30 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 40-50 रुपये तक पहुंच जाती है. इसके अलावा, हरी मिर्च और पत्तागोभी जैसी सब्जियां भी लगभग 10-15 रुपये प्रति किलो महंगी हो जाती हैं. वहीं फल बाजार में भी भारी उछाल देखने को मिलता है. खासकर छठ पूजा के लिए नारियल, केला, सेव, अनार, और नारंगी जैसी चीजों की मांग में तेजी आती है. नारियल का दाम छठ पूजा से पहले लगभग 30-40 रुपये प्रति किलो होता है, जो पूजा के करीब आने तक 50-60 रुपये तक बढ़ सकता है. केले का भाव भी 40-50 रुपये प्रति दर्जन से बढ़कर 60-70 रुपये तक पहुंच जाता है.

स्थानीय व्यापारियों को लाभ

छठ पूजा के दौरान स्थानीय व्यवसायियों को भी एक बड़ा मौका मिलता है. विशेष रूप से घाटों के पास, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर पूजा की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों की बिक्री में वृद्धि होती है. इनके साथ-साथ, बांस, सुपारी, नारियल, फूल, दीपक और अन्य पूजा सामान के थोक विक्रेताओं के कारोबार में भी वृद्धि होती है. छठ पूजा के दौरान इन्हें ग्राहकों से सीधा संपर्क होता है, जिससे उनकी बिक्री की गति तेज हो जाती है. इसके अतिरिक्त, घरों को सजाने के लिए रंगीन दीयों और सजावट की वस्तुओं की बिक्री भी बढ़ जाती है. व्रति (व्रति रखने वाले) और श्रद्धालु अपनी पूजा को विशेष बनाने के लिए इन सामग्रियों का इस्तेमाल करते हैं.

छठ पर यात्रा किराए में इजाफा

 

वहीं छठ के दौरान बाहर राज्यों और देशों में रहने वाले लोगों इस महापर्व पर अपने घरों की तरफ भारी संख्या में प्रस्थान कर रहे हैं, जिसकी वजह से परिवहन विभाग को इसका दोगुना – तिगुना लाभ हो रहा है. ऐसे जहां ट्रेनों का हाल बुरा है. रिजर्वेशन के बावजूद लोग खड़े होकर सफर कर रहे तो, स्लीपर और थर्ड एसी का हाल जनरल से भी बदतर हो गया है. इस दौरान लोग ट्रेनों के शौचालय, दरवाजे, गैलरी व दो बर्थ के बीच के स्थानों पर भी सफर करने पर मजबूर हैं. हालांकि, रेलवे किराए में छठ के दौरान कोई बढोतरी नहीं की गई है, लेकिन जिस संख्या में लोग ट्रेन से सफर कर रहे हैं उससे रेलवे को अच्छा मुनाफा हो रहा है.

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विमान कंपनियों ने किराया किया तीन गुना

दूसरी ओर छठ के अवसर पर ट्रेनों में अधिक भीड़ होने की वजह से लोग विमान का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए विमान कंपनियों ने विमान का किराया तीन गुना तक बढ़ा दिया है. इसके चलते मंगलवार को दिल्ली से पटना तक किराया 10,000 से लेकर 23,000 तक पहुंच गया है. वहीं आम दिनों में यह किराया मात्र 5,000 तक रहता है, लेकिन छठ की वजह से यह किराया इतना बढ़ गया है. इसी क्रम में महानगरों से बिहार-झारखंड के शहरों के लिए हवाई किराया भी महंगा हुआ है. मंगलवार को दिल्ली से देवघर का हवाई किराया 14,668 रुपये तक कर दिया गया है. जबकि बुधवार को दिल्ली से देवघर जाने का टिकट 10,258 रुपये है. वैसे, सामान्य दिनों में दिल्ली से देवघर का विमान किराया लगभग 5500 रुपये होता है.

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