Cancer Awareness day: शर्म नहीं जिंदगी पर करें सवाल, जानें ब्रेस्ट कैंसर के कारण और लक्षण …
कैंसर…एक जानलेवा बीमारी है. इस बात से हम सब बखूबी वाकिफ है. इससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाले है आए दिन कैसर से होने वाली मौतों के आंकड़े, दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों में दूसरा सबसे बड़ा कारण कैसर ही है. चिंता की बात यह है कि देश में भी कैंसर से मरने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा तेजी से बढ रहा है. इसके लिए ही कैंसर के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के उददेश्य हर साल 7 नवंबर को ‘नेशनल कैंसर जागरूकता दिवस’के तौर पर मनाया जाता है.
आपको बता दें कि, साल 2014 सितंबर माह में एक कमेटी तैयार की गयी थी, जिसने राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस को हर साल 7 नवंबर को मनाने का फैसला लिया था. उन्होंने कैंसर नियंत्रण पर राज्य-स्तरीय अभियान शुरू किए और लोगों को मुफ्त स्क्रीनिंग के लिए नगर निगम के क्लीनिकों को रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने के उददेश्य से कैंसर जागरूकता दिवस की शुरूआत की थी.
कैंसर का गंभीर प्रकार है ब्रेस्ट कैंसर
वैसे तो कैसर के कई प्रकार होते हैं, लेकिन इन में भी ब्रेस्ट कैंसर गंभीर है. ऐसे में देश – दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली महिलाओं की मौत का आंकड़ा बढाता जा रहा है. देखने वाली बात यह है कि कई बार शर्म की वजह से महिलाएं इन मुद्दों पर बात नहीं कर पाती हैं. इसको लेकर कम जागरूकता होने की वजह से समय पर इस कैसर के बारे में महिला को ज्ञात ही नहीं हो पाता है और जब मालूम होता है तब तक समय गुजर चुका होता है.
इसके साथ ही इस बीमारी की तेजी से फैलने की वजह भी इस बीमारी को लेकर कम जागरूकता है. ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल अक्टूबर माह में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता महीना मनाया जाता है, इसके साथ ही 13 अक्टूबर भी ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस भी मनाया जाता है. ऐसे में आइए जानते है इस खतरनाक बीमारी के लक्षण, बचाव और उपाय….
क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर ?
स्तन कैंसर की बीमारी कैंसर का एक गंभीर प्रकार माना गया है, यह स्तनों की कोशिकाओं में तैयार होता है. स्वास्थय विशेषज्ञों के अनुसार, स्तन कैंसर महिला या पुरूष किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह बीमारी काफी हद तक महिलाओं में पायी जाती है. स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है कि, जिसमें स्तन में सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाते है, इसके विभिन्न प्रकार भी बताए जाते है. स्तन कैंसर का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि, ब्रेस्ट के कौन से सेल्स कैंसर में बदल जाते है.
ब्रेस्ट कैंसर के कारण
डॉक्टरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब स्तन के कुछ टिश्यूज असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं, तो यह स्तन कैंसर हो सकता है. स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में ये कोशिकाएं बढ़ने के साथ जमा होती रहती हैं. इससे एक लिक्विड या गांठ निकलने लगती है, कोशिकाएं आपके स्तन से होते हुए आपके लिम्फ नोड्स या आपके शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं जिसे (मेटास्टेसिस) कहते हैं.
स्तन कैंसर अक्सर दूध बनाने वाली नलिकाओं में कोशिकाओं से शुरू होता है, जिसे इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा कहा जाता है. स्तन कैंसर लोब्यूल्स (इनवेसिव लोब्यूलर कार्सिनोमा) ग्रंथि ऊतक में भी शुरू हो सकता है या स्तन के भीतर अन्य कोशिकाओं या ऊतकों में भी शुरू हो जाता है. शोधकर्ताओं ने हार्मोनल, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों की पहचान की है जो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं, लेकिन कोई जोखिम कारक नहीं होने वाले लोगों में कैंसर क्यों होता है, यह स्पष्ट नहीं है.
ये है ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
डॉक्टर्स के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र की महिला या पुरूष को हो सकता है, लेकिन अगर आप सेल्फ एग्जामिन करते है तो यह बीमारी का पता समय रहते चल जाता है. ऐसे में महिलाएं पीरियड्स के दौरान एक बार खुद को ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिन अवश्य कर लें.
आपके ब्रेस्ट में कहीं भी गंभीर लंप्स दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अक्सर महिलाओं को कई तरह की चिंताएं होती हैं, भारत में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं हैं.
- स्तन के आकार, आकृति में बदलाव
- स्तन में मटर के दाने जितनी छोटी गांठ होना
- स्तन में या उसके पास या आपके अंडरआर्म में गांठ होना
- स्तन या निप्पल की त्वचा के रंग में बदलाव (गड्ढा, सिकुड़न, पपड़ीदार या सूजन)।
- स्तन या निपल की त्वचा का लाल होना।
- त्वचा कठोर होना
- निप्पल से खून या तरल पदार्थ निकलना
ब्रेस्ट कैंसर से ऐसे करें बचाव
करें सेल्फ एग्जामिनेशन
अपने स्तनों में रंग, आकार और आकृति में बदलाव देखें। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें अगर आपको कोई बदलाव दिखाई द
मैमोग्राम
यदि आप 40 साल से ऊपर हैं, तो आपको हर साल मैमोग्राम कराना चाहिए। मैमोग्राफी के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर का आसानी से पता लगाया जा सकता है और उसका सही समय पर इलाज किया जा सकता है।
लें हेल्दी डाइट
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए अपनी डाइट में फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर आहार शामिल करें। रेड मीट और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को कम से कम खाना चाहिए।
शारीरिक गतिविधि
हेल्दी भोजन और शारीरिक व्यायाम दोनों सेहतमंद रहने के लिए आवश्यक हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए यह भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए हर दिन 30 मिनट से अधिक व्यायाम करना अनिवार्य है।
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शराब के सेवन को करें न
अगर आप शराब पीती हैं, तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए या तो शराब छोड़ दें या फिर सीमित मात्रा में इसे पिएं।
स्तनपान
इन दिनों कई महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराने से बचती हैं, लेकिन यह आपकी सेहत के लिए भी अच्छा नहीं है। स्तनपान करने से गर्भाशय कैंसर की संभावना कम होती है।