CAB ने पार किया अंतिम पड़ाव, बना कानून

0

नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 ने कानून बनने की दिशा में अपने तीसरेऔर अंतिम पड़ाव को पार कर लिया।

गुरुवार देर रात विधेयक पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंजूरी की मुहर लगा दी। इसके पहले विधेयक को सरकार ने लोकसभा और राज्‍यसभा से पास करा लिया था।

इससे राष्ट्रपति की मुहर के बाद यह विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने वाला एक अधिनियम बन गया है।

राजपत्र प्रकाशित-

भारत के राजपत्र, नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के अनुसार, संसद को 12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और यहां सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया।

अधिनियम आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन के साथ लागू होता है।

यह कानून पाकिस्‍तान, बांग्लादेश और अफगानिस्‍तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के योग्‍य बनाता है।

यह संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्रों और इनरलाइन परमिट व्‍यवस्‍था के तहत आने वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा।

सरकार ने कहा है कि घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच अंतर किया जाना आवश्‍यक है।

कानून किसी के भी खिलाफ भेदभाव नहीं बरतता है और न ही किसी का अधिकार छीनता है।

यह भी पढ़ें: संसद में दूसरी बार पेश किया जाएगा नागरिकता संशोधन विधेयक

यह भी पढ़ें: और इस तरह आधी रात को पास हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक 2019

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More